फिरोजाबाद। त्वरित न्यायालय ने शनिवार को गैर इरादतन हत्या के मामले में पिता-पुत्र सहित तीन दोषियों को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न देने पर उन्हें अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
थाना मटसेना के रसीदपुर कनैटा निवासी मनीष पुत्र जगदीश को गांव का ही अवधेश पुत्र रामजीलाल अपने भाई उमाशंकर तथा भतीजा प्रशांत के साथ 03 मार्च 2018 को होली मिलने के बहाने घर से बुलाकर ले गया था। वहां उन्होंने अपने साथियों के साथ लाठी-डंडों से उसे मारकर घायल कर दिया तथा मरणासन्न स्थिति में उसे वहीं छोड़कर भाग गए। आगरा में उपचार के दौरान 11 मार्च 18 को उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मां मुन्नी देवी ने थाने में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय में तीनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, त्वरित न्यायालय संख्या दो अतुल चौधरी की अदालत में चला। मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक मनोज शर्मा ने बताया मुकदमे के दौरान 10 गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने अवधेश उमाशंकर तथा प्रशांत को दोषी माना। न्यायालय ने तीनों को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों पर 21-21 हजार रुपया का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड ना देने पर उन्हें 6-6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।