नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दिल्ली विधानसभा परिसर के बाहर बैठकर भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। “आप” के विधायकों का आरोप है कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार चुने हुए विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश से रोका जा रहा है। “आप” के विधायक विधानसभा के गेट के बाहर बैठे हुए थे, जहां उन्होंने भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने उन्हें कोई वैध आदेश नहीं दिखाया।
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पार्टी के नेताओं का कहना है कि पुलिस ने उन्हें केवल आदेश का हवाला देते हुए रोका, लेकिन कोई आधिकारिक आदेश उन्हें नहीं दिखाया गया। “आप” विधायक ने बताया कि जब उन्होंने “जय भीम” के नारे लगाए, तो उन्हें विधानसभा परिसर से बाहर निकाल दिया गया। पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर से नफरत करती है और उनके नाम तथा तस्वीर से घृणा करती है। “आप” नेताओं का कहना है कि यह पूरी घटना भाजपा की तानाशाही को उजागर करती है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।
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इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष और दिल्ली पुलिस के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। “आप” ने आरोप लगाया कि भाजपा बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों और उनके योगदान से घृणा करती है और उनकी तस्वीर को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। इस घटना को लोकतंत्र के खिलाफ एक और कदम के रूप में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन हंगामे के चलते आम आदमी पार्टी के कई विधायकों को तीन दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। विधायकों का कहना है कि अगर वे विधानसभा में सदन के अंदर नहीं जा सकते, तो परिसर के अंदर जाने की मंजूरी तो उन्हें जरूर है, लेकिन भाजपा और दिल्ली पुलिस अपने तानाशाही रवैये के चलते उन्हें विधानसभा परिसर के अंदर भी जाने नहीं दे रही है।