मुजफ्फरनगर। कोर्ट में रामपुर तिराहा कांड की पत्रावली की सुनवाई के दौरान तत्कालीन झिंझाना एसओ एसपी मिश्रा सेवानिवृत सीओ समेत अन्य आरोपी अदालत में हाजिर नहीं हुए। बचाव पक्ष की ओर से हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दिया गया। अगली सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तिथि तय की गई है।
उल्लेखनीय है कि एक अक्तूबर 1994 की रात उत्तराखंड की मांग के लिए आंदोलनकारी देहरादून से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। रात के समय रामपुर तिराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज और फायरिंग की, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। महिलाओं के साथ अभद्रता की गई थी।
मुजफ्फरनगर के लोगों ने आंदोलनकारियों की मदद की थी। प्रकरण की सीबीआई जांच के आदेश 1995 में हुए थे। अदालत में सुनवाई चल रही है। सीबीआई बनाम एसपी मिश्रा की पत्रावली में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी।
उत्तराखंड संघर्ष समिति के समन्वयक अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि आरोपियों की ओर से अदालत में हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दिय गया है, जिसके चलते अगली सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तिथि तय की गई है।