मेरठ। हस्तिनापुर के श्री दिगम्बर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर, में आचार्य 108 सुनील सागर महाराज का भव्य मंगल प्रवेश हुआ। इस अवसर श्री दिगम्बर जैन के मुख्य सिंह द्वार पर अचार्य संघ का पाद प्रक्षालन व आरती की गई। पाद प्रक्षालन का सौभाग्य तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष जीवेन्द्र कुमार जैन, महामंत्री मुकेश जैन, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार जैन, सुनील कुमार जैन व मुख्य प्रबंधक मुकेश जैन आदि को प्राप्त हुआ।
प्रातः कालीन बेला में मुख्य मंदिर में शांतिधारा के बाद आचार्य सुनील सागर महाराज का मंगलमय प्रवचन कैलाश पर्वत के सामने श्री सौरभ सागर निलय में हुआ। इस उपलक्ष में शांतिनाथ भगवान के चित्र का अनावरण करने का सौभाग्य शरद जैन मुम्बई एवं समस्त पदाधिकारीगण को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर ऐतिहासिक नगरी में पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए आचार्य सुनील सागर महाराज ने मंगल प्रवचन देते हुए कहा कि यह हस्तिनापुर की पावन भूमि प्राचीन संस्कृति का प्रतीक है। यह भूमि बहुत ही पवन है। यहां आने से मन में बड़ी विशुद्धी का संचार हुआ है। इस भूमि से तीन तीर्थंकर भगवानों ने चार-चार कल्याणक प्राप्त किये।
तीर्थंकर भगवान हमें यही शिक्षा देते है कि जीवन में शांति, सुख पाना है तो अपने आप को संसार की परवस्तुओं से हटकर स्वातत्व की और आना होगा। एवं मन, वचन, काय पर वहीं महान पुरूष विजय प्राप्त कर सकता है जो अपने जीवन को सयमंय बनाता है वाणी से मनुष्य उच्च उपलब्धि प्राप्त कर सकता है एवं वाणी से ही नीच गति का बंध कर लेता है हमें अपनी वाणी को विवेक पूर्वक बोलना चाहिए।