Tuesday, May 6, 2025

दिल्ली में ACP के वकील बेटे की हत्या, आरोपी दोस्तों ने नहर में फेंका शव

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एक एसीपी के बेटे को कथित तौर पर दो लोगों ने मिलकर हरियाणा की एक नहर में फेंक दिया, जिसमें तीस हजारी अदालत में एक वकील का क्लर्क भी शामिल था, जो उसके साथ भिवानी में एक शादी में गया था। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

नरेला निवासी 19 वर्षीय अभिषेक को गिरफ्तार करने और उससे पूछताछ करने के बाद पूरी घटना का खुलासा हुआ, जिसके बाद पुलिस ने समयपुर बादली थाने में दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) जोड़ दी। पहले सिर्फ अपहरण का मामला दर्ज किया गया था।

एसीपी यशपाल चौहान द्वारा दर्ज कराई गई एक गुमशुदगी की शिकायत के मामला दर्ज किया गया, जिसमें उन्होंने अपने 26 वर्षीय बेटे लक्ष्य के लापता होने की सूचना दी थी, जो भिवानी में एक शादी में भाग लेने के बाद घर नहीं लौटा।

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पुलिस उपायुक्‍त (बाहरी उत्तर) रवि कुमार सिंह ने कहा, “अभिषेक को आज गिरफ्तार कर लिया गया और पूछताछ करने पर पता चला कि 22 जनवरी (सोमवार) की दोपहर को वकील के क्लर्क विकास ने उससे संपर्क किया था और उसे भिवानी में एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए अपने साथ आने के लिए कहा था।”

विकास ने अभिषेक को बताया था कि लक्ष्य, जो तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस भी करता है, ने उससे कर्ज लिया था और जब उसने अपने पैसे वापस मांगे तो लक्ष्य ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। गुस्‍से में दोनों ने लक्ष्य को खत्म करने की योजना बनाई और उसे हरियाणा के मुनक नाहर में फेंकने का फैसला किया।

डीसीपी ने कहा, “वे सोमवार दोपहर को मुकरबा चौक से निकले, जहां लक्ष्य उन्हें एक कार में मिला। अभिषेक लक्ष्य के साथ कार के अंदर बैठा और बाद में विकास भी उनके साथ शामिल हो गया।”

वापसी यात्रा के दौरान अपराध का खुलासा हुआ।

डीसीपी ने कहा, ”देर रात तक वे भिवानी में शादी समारोह में पहुंचे और रात 12 बजे के बाद वहां से चले गए।”

पानीपत में रुककर तीनों नहर किनारेे शौच के लिए कार से बाहर निकले।

डीसीपी ने कहा, “मौके का फायदा उठाते हुए अभिषेक और विकास ने कथित तौर पर लक्ष्य को नहर में धकेल दिया और लक्ष्य की कार से घटनास्थल से भाग गए। बाद में विकास ने भागने से पहले अभिषेक को नरेला में छोड़ दिया।”

उन्होंने कहा, “पुलिस ने अब तक एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर बाद में एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (साक्ष्यों को गायब करना) जोड़ दी है। लक्ष्य का शव और दूसरे संदिग्ध विकास के ठिकाने का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।”

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