नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को संसद की सुरक्षा उल्लंघन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुप्पी के लिए उनकी आलोचना की है। उनका कहना है कि उन्हें कम से कम उन सांसदों और सुरक्षाकर्मियों की सराहना करनी चाहिए थी, जिन्होंने उपद्रवियों को पकड़ा था।
लोकसभा दोपहर 2 बजे तक स्थगित होने के बाद संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ”बुधवार की घटना पूरे देश ने देखी… कल से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने इस मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं बोला है।”
उन्होंने बताया कि 2001 में जब संसद पर हमला हुआ था, तब कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से बात की थी और उनका कुशलक्षेम पूछा था। लेकिन अब वे सभी परंपराएं खत्म होती नजर आ रही हैं।
सरकार में मामलों की स्थिति पर अफसोस जताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि हर रोज राष्ट्रीय सुरक्षा, मिसाइलों, हथियारों और कई अन्य चीजों सहित कई मुद्दों पर चर्चा होती है। लेकिन, अंदर से हम खोखले हो गये हैं। क्या प्रधानमंत्री इस बारे में सोचते हैं? नए संसद भवन का उद्घाटन करते समय वह सेंगोल (राजदंड) लेकर आए थे। उन्होंने पूछा कि क्या उन्होंने सुरक्षा चूक की निंदा की और सोचा कि सुरक्षा व्यवस्था को कैसे बेहतर बनाया जाए?
अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि पीएम मोदी देश की जनता को ‘मोदी की गारंटी’ की बात कहते हैं, लेकिन अब लोग कहेंगे कि ‘मोदी मतलब मुश्किल’। उन्होंने जल्दबाजी में नए संसद भवन का उद्घाटन करने को लेकर भी सरकार पर कटाक्ष किया और कहा, ”आपने जल्दबाजी में नया संसद भवन बनाया। अब कोई भी इसमें कूद सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले भी सुरक्षाकर्मियों ने 2001 के हमले के दौरान संसद को बचाया था। संसद हमले की 22वीं बरसी पर क्या प्रधानमंत्री को बयान जारी नहीं करना चाहिए था? आज अध्यक्ष कहते हैं कि सारी जिम्मेदारी उनकी है। दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियां किसके अधीन आती हैं? चौधरी ने मांग की कि इस मुद्दे पर गृह मंत्री और प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए।
अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि बुधवार को सदन के अंदर और बाहर सभी निहत्थे सांसदों और कर्मचारियों ने सदन को बचाया। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को कम से कम उनकी सराहना करनी चाहिए थी।
चौधरी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ”प्रधानमंत्री सदन के गेट पर माथा टेकने के बाद सदन में दाखिल हुए थे और आज जब सुरक्षा चूक हुई है तो उन्होंने इसके बारे में बोलने की जहमत नहीं उठाई। ऐसा लगता है जैसे कुछ हुआ ही नहीं। शुक्र है, जो दर्शक दीर्घा से सदन में कूदे थे उनके पास कोई खतरनाक हथियार नहीं था और कुछ भी अप्रिय घटना नहीं हुई, वरना सांसदों और सुरक्षाकर्मियों सहित कई लोगों की मौत हो जाती।”
बुधवार को संसद में सुरक्षा चूक पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की चुप्पी पर कांग्रेस सांसद की तीखी प्रतिक्रिया आई। बुधवार को संसद में हुई सुरक्षा चूक को लेकर प्रधानमंत्री ने गुरुवार को अमित शाह, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा और अन्य मंत्रियों के साथ बैठक की।