गाजियाबाद। एडीएम गंभीर सिंह और एसडीएम संतोष राय ने सुबह साढ़े दस बजे आरटीओ कार्यालय पर छापा मारा। इस दौरान कार्यालय के अंदर और बाहर मौजूद दलालों में भगदड़ मच गई। एडीएम ने अधिकारियों को आरटीओ कार्यालय में दलालों का प्रवेश बंद करने की हिदायत दी। दोनों अधिकारियों ने रिकॉर्ड रूम, फिटनेस रिकॉर्ड कार्यालय, पंजीकरण, परमिट कार्यालय, लाइसेंस इकाई समेत अन्य जगहों का निरीक्षण किया।
एडीएम जैसे ही आरटीओ कार्यालय में दाखिल हुए तो दलालों को इसकी भनक लग गई। इस दौरान वह जिन वाहनों से आए थे, उसे लेकर फरार हो गए। कुर्सी मेज भी दलालों ने इधर-उधर छिपा दी। हालत यह रही कि जिस कार्यालय के सामने रोजाना खड़े होने के लिए भी जगह नहीं मिलती थी। वहां दूर-दूर तक सन्नाटा दिखा। एक दो खाने पीने के सामान बेचने वाले ही खड़े दिखे। जिन लोगों को काम कराने के लिए दलालों ने बुलाया था, उनको वापस भेज दिया गया। दिनभर आरटीओ कार्यालय में यदा-कदा ही लोग दिखे। कुछ दलाल कार्यालय से दूर पेड़ाें के नीचे खड़े हो गए तो कुछ मुंह लपेटकर दोपहर बाद आरटीओ कार्यालय में दाखिल हुए।
एडीएम को मौके पर एआरटीओ प्रशासन राहुल श्रीवास्तव नहीं मिले। जानकारी करने पर पता चला कि वह छुट्टी पर हैं। इस दौरान निचले अधिकारियाें ने ही उनको सभी अधिकारियों के कार्यालयों की पूरी जानकारी दी। एडीएम ने मौके पर मौजूद विभागीय अधिकारियों को चेताया कि दलालों का प्रवेश आरटीओ कार्यालय में नहीं होना चाहिए। आगे से कोई दलाल आरटीओ कार्यालय के आसपास खड़ा दिखा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि लोगों का काम सीधे तौर पर हो। किसी तरह के अतिरिक्त शुल्क की वसूली नहीं होनी चाहिए। दलाली प्रथा को खत्म करने की सरकार की मंशा है। इस दौरान अपना काम लेकर आए लोगों से भी एडीएम ने बात की। इस बारे में एडीएम सिटी गंभीर सिंह ने बताया कि पूरी स्थिति की रिपोर्ट बनाकर डीएम को भेजी गई है।