मेरठ। शासन ने कोचिंग सेंटरों के लिए नयी गाइडलाइन जारी की है। प्रशासन नए मानकों के क्रियान्वयन को लेकर सख्त हो गया है। मानकों का पालन नहीं करने वाले कोचिंग सेंटर कार्रवाई के लपेटे में आ सकते हैं। जिले में 200 से अधिक पंजीकृत कोचिंग सेंटर संचालित है।
डीआईओएस कार्यालय ने कोचिंग सेंटरों को पत्र भेजकर नई गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने को कहा है। डीआईओएस मेरठ ने बताया कि जिले में 107 पंजीकृत कोचिंग सेंटर संचालित है। इनमें हजारों युवा पुलिस, सेना समेत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। शासन ने कोचिंग सेंटरों के संचालन एवं सुरक्षा को लेकर करीब एक दर्जन निर्देश तय कर रखें है। हर कोचिंग सेंटर की सुरक्षा एवं शिक्षण व्यवस्था को परखा जाएगा। यदि कहीं गड़बड़ी मिली तो बक्शा नहीं जाएगा। कड़ी कार्रवाई होगी।
नई गाइडलाइन के 05 प्रमुख बिंदु
1- कोई भी कोचिंग संस्थान 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को अपने संस्थान में दाखिला नहीं देगा। इससे पहले कोचिंग संस्थान 12 वीं कक्षा से पहले के बच्चों को दाखिला दे सकते थे।
2- बीच में कोचिंग छोड़ने वाले विद्यार्थियों को बाकी फीस 10 दिन में वापिस करनी होगी। पहले यह व्यवस्था नहीं थी।
3- ग्रेजुएट से कम योग्यता वाले शिक्षक नियुक्त नहीं होंगे।
4- कोचिंग सेंटर पर सुरक्षा संबंधी निर्देश का शत प्रतिशत पालन सुनिश्चित होगा।
5- गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर कोचिंग सेंटर पर 25000 रुपए का जुर्माना हो सकता है।