कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शुक्रवार को अपने पूर्व राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन और पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम को कथित तौर पर ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के लिए निलंबित कर दिया। यह जानकारी पार्टी के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने दी। इस पर शांतनु सेन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उन्हें खुद भी नहीं पता कि उन्होंने कौन सा पार्टी विरोधी काम किया है। आईएएनएस से बात करते हुए शांतनु सेन कहा, “मैं भी यह सुनकर चौंक गया, क्योंकि मुझ पर “एंटी-पार्टी एक्टिविटी” का आरोप लगाया गया है, जबकि आज भी जब मीडिया वाले आए थे और मुझसे प्रतिक्रिया मांगी, तो मैंने पार्टी का समर्थन किया और पार्टी को डिफेंड करते हुए प्रतिक्रिया दी।
मुझे यह बिल्कुल भी नहीं लगता कि मैंने कभी कोई पार्टी विरोधी काम किया। जो कुछ भी मैंने कहा और किया, वह सरकार और पार्टी की भलाई के लिए था। मुझे यह सोचने में समय लग रहा है कि मैंने कौन सा एंटी पार्टी काम किया है।” उन्होंने आगे कहा, “आरजी कर के मामले को लेकर, जो कुछ भी मैंने कहा, वह कभी भी पार्टी के खिलाफ नहीं था। जब मैं आरजी कर में था, दो साल पहले जो भी मुद्दे उठाए थे, वे मैंने बिना किसी को बताए और सही जगह पर जाकर उठाए थे। बाद में यह आरोप सही साबित हुए, जब संदीप घोष और आशीष पांडे को गिरफ्तार किया गया, और मेरे साथ जो सोशल, इमोशनल और मानसिक उत्पीड़न हुआ, वह भी स्पष्ट हुआ। हमने सिर्फ पार्टी को शर्मिंदा नहीं करने के लिए किसी को कुछ नहीं कहा।
“उन्होंने कहा, “वहीं इस आंदोलन के दौरान, जिन लोगों ने इसे किया, उन्होंने मुझे ‘गो बैक’ कहा, और कुछ लोग कह रहे थे कि हम टीएमसी के नेताओं को इस आंदोलन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इतना बड़ा, स्वाभाविक आंदोलन था, क्या आप सोच सकते हैं कि यह किसी एक व्यक्ति ने किया होगा?” अंत में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ लिंक होने के सवाल पर कहा, “मैं कहता हूं कि जो भी बोल रहे हैं, उन्हें बोलने दीजिए। अगर भाजपा के खिलाफ सबसे अधिक किसी ने हमला बोला है, तो उसमें मेरा नाम सबसे पहले आएगा। मीडिया में बैठकर भाजपा के खिलाफ सबसे ज्यादा टिप्पणी मैंने की है। अब जो कुछ भी हो रहा है, उसे करने दीजिए। हमें पार्टी से निलंबित किया गया है, लेकिन हम पार्टी का समर्थन करते रहेंगे। मेरा पहला उद्देश्य जनता की सेवा करना है और हम यह काम करते रहेंगे।”