नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रही हैं। मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट पर समाजवादी पार्टी प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि इस बार के बजट से उनको कोई उम्मीद नहीं है। अखिलेश यादव ने कहा कि देश में इतने युवा बेरोजगार हैं और भारत की अर्थव्यवस्था पांचवें नंबर पर है।
मोदी सरकार के बजट से देश को पिछले दस सालों में कोई फायदा नहीं हुआ। इस बार भी कोई उम्मीद नहीं है। केंद्रीय बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अधिक आवंटन, टैक्स सुधार, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना, स्थानीय विनिर्माण पर जोर, नौकरी, कौशल सृजन और अधिक श्रम आधारित क्षेत्रों समेत कई बिंदुओं पर जोर देखने को मिल सकता है। बजट में सभी क्षेत्रों में करदाताओं को लाभ पहुंचाने और देश में कारोबार करने में सुगमता में सुधार लाने के लिए आयकर ढांचे में बदलाव किए जाने की भी संभावना है।
मूडीज एनालिटिक्स के अनुसार, बजट से पूंजीगत खर्च बढ़ सकता है। सरकार ने कृषि, रोजगार, सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, नवाचार, अनुसंधान और विकास समेत कई क्षेत्रों पर जोर दिया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2024-25 के लिए 6.5 से 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि, मुख्य आर्थिक सलाहकार नागेश्वरन के अनुसार, भारत के लिए सात प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर हासिल करना संभव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, आर्थिक सर्वे हमारी अर्थव्यवस्था की मौजूदा ताकत को रेखांकित करता है और सरकार द्वारा लाए गए विभिन्न सुधारों के परिणामों को भी दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आर्थिक सर्वेक्षण विकास और प्रगति के क्षेत्रों की भी पहचान करता है। हम एक ‘विकसित भारत’ के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।” बता दें कि वित्त मंत्री सीतारमण लगातार सातवीं बार केंद्रीय बजट 2024-25 पेश कर रही हैं। इससे पहले वह छह बार केंद्रीय बजट पेश कर चुकी हैं।