नई दिल्ली। ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद विपक्ष का विरोध तेज हो गया है। शनिवार को संसद के बाहर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर सरकार पर तीखा हमला किया।
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अखिलेश यादव ने कहा कि“अगर ‘एक देश, एक चुनाव’ पर इतनी जल्दी है, तो प्रधानमंत्री खुद अपनी सरकार भंग कर दें और पूरे देश में एक साथ चुनाव करा दें। इससे बेहतर समय नहीं होगा, क्योंकि हम अभी संविधान पर बहस कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ को लागू करने की जल्दबाजी अलोकतांत्रिक है और यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।
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समाजवादी पार्टी प्रमुख ने अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा कि यह व्यवस्था लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर कर सकती है। यह अलोकतांत्रिक है और जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक प्रयास है। सरकार को चाहिए कि वह जनता की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करे, न कि चुनावी प्रक्रियाओं में बदलाव लाने पर।”
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गुरुवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद से ही विपक्षी दलों ने इस पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह लोकतंत्र और संघीय ढांचे को कमजोर करेगा।