लखनऊ। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के आंदोलनरत किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाते हुए 5 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिल कुमार सागर करेंगे। अन्य सदस्यों में पीयूष वर्मा, संजय खत्री (एसीईओ नोएडा), सौम्य श्रीवास्तव (एसीईओ ग्रेटर नोएडा), और कपिल सिंह (एसीईओ येडा) को शामिल किया गया है।
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गठित समिति को निर्देश दिया गया है कि वह एक महीने के भीतर किसानों की समस्याओं का अध्ययन कर रिपोर्ट और अनुशंसा सरकार के समक्ष प्रस्तुत करे। यह समिति किसानों से जुड़ी सभी मुद्दों को समझेगी, जिसमें भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, और औद्योगिक विकास प्राधिकरण से संबंधित विवाद शामिल हैं।
हाल ही में संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान परिषद, और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में पश्चिम उत्तर प्रदेश के करीब 5,000 किसानों ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर प्रदर्शन किया। किसानों ने प्रशासन को अपनी मांगें पूरी करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। आंदोलन का मुख्य उद्देश्य लंबित मुआवजे का भुगतान, भूमि विवादों का निस्तारण और औद्योगिक विकास प्राधिकरण की कथित अनियमितताओं का विरोध करना है।
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3 दिसंबर को पुलिस ने नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल से 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। किसानों ने सामूहिक रूप से नोएडा, येडा, और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिससे क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई।
किसान दिल्ली मार्च की तैयारी कर रहे हैं, जिससे प्रशासन के लिए चुनौती बढ़ गई है। पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं, लेकिन किसानों का आक्रोश अभी भी शांत नहीं हुआ है।
योगी सरकार ने समिति का गठन कर यह संकेत दिया है कि वह किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है। एक महीने में आने वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार किसान आंदोलन के मुद्दों का समाधान निकालने की कोशिश करेगी।