वाराणसी- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि आजादी के बाद 2014 में पहली बार अन्नदाता किसान देश की राजनीति के एजेंडे का हिस्सा बना।
किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुये श्री योगी ने कहा कि स्वायल हेल्थ कार्ड से लेकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तक अनेक योजनाओं के जरिए किसानों के जीवन में परिवर्तन कर उनकी आमदनी को कई गुना बढ़ाने की दिशा में जो प्रयास प्रारंभ हुए, आज उसके परिणाम देखने को मिल रहे हैं। श्री नरेन्द्र मोदी ने जब तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तो सबसे पहले अन्नदाता किसानों के लिए समर्पित फाइल पर हस्ताक्षर किया और प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा आज करोड़ों किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की सौगात मिल रही है।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9.26 करोड़ किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त (20 हजार करोड़ रुपये से अधिक) का ऑनलाइन हस्तांतरण किया। साथ ही कृषि सखियों को प्रमाण पत्र वितरित किया। योगी ने श्री मोदी को अंगवस्त्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
श्री योगी ने कहा कि 62 वर्ष के बाद पहली बार यह अवसर आया है, जब देश के किसी राजनेता ने अपने कार्यों के बल पर प्रत्येक तबके के जीवन में व्यापक परिवर्तन किया और लोकप्रियता के आधार पर लगातार तीसरी बार विजय प्राप्त कर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मां गंगा के यशस्वी पुत्र नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यों के माध्यम से भारत को दुनिया के अंदर नई पहचान दिलाई है। उनके नेतृत्व में एक तरफ हम नए भारत का दर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ते हुए कार्य कर रहा है।
उन्होने कहा कि हमने बदलती हुई काशी को देखा है। काशी नए कलेवर और नई काया के साथ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखते हुए वैश्विक मंच पर नई पहचान बना रही है। नई काशी पूरे देश-दुनिया को आकर्षित कर रही है। 10 वर्ष में नई काशी के कायाकल्प के लिए न सिर्फ हजारों करोड़ रुपये लगे हैं, बल्कि दुनिया ने काशी को नए रूप में बदलते हुए देखा है। काशी के बारे में आमजन की श्रद्धा-आस्था को और मजबूत होते देखा है।
सम्मेलन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, प्रदेश सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, अनिल राजभर, जयवीर सिंह, रवींद्र जायसवाल, डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, बलदेव सिंह औलख आदि मौजूद रहे।