कुछ महिलाओं को हमेशा शिकायत रहती है कि उनके पति काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि अपनी बैटर हाफ की चिंता ही नहीं होती कि वह कैसे घर-परिवार के कामों में संतुलन बना कर रखती है। उन्हें लगता है कि पति के लिए काम ही जीवन है। न जिंदगी के प्रति कोई उत्साह, न पाटर्नर के साथ रोमांस के लिए समय है। बेचारी पत्नी तरसती ही रह जाती है कि उसका पार्टनर उससे बातें करे, कहीं घुमाने ले जाए, फिल्म दिखाने या बाहर खाना खाने ले जाए। ऐसे में पत्नियां भी व्यथित हो जाती हैं और उनका भी जीवन के प्रति उत्साह कम हो जाता है। आइए जानें अगर आप भी ऐसी पत्नी हैं तो कैसे उस स्थिति को फेस करें।
वर्कोहलिक पति किसे कहते हैं:-
वर्कोहलिक पति वो होते हैं जिन के लिए काम ही सबसे पहले आता है, बाद में परिवार, समाज आदि। हर समय काम में डूबेे रहने वाला पति वर्कोहलिक कहलाता है।
ऐसे पति जिन्होंने विवाह ही काम से किया हो:-
मनोचिकित्सक के अनुसार अगर आप जान चुके हैं कि आपके पति ने काम से भी विवाह किया हुआ है, ऐसे में उन्हें ताना देने या लडऩे के बजाए उनके साथ बैठकर समस्या का समाधान ढूंढें। अगर काम में उनकी मदद कर सकती हैं तो करें। ताने देने से या प्रश्नों से आहत करने की आदत गलत है। बात कर उन्हें कुछ सुझाव दें कि दिन के एक या दो घंटे आपके लिए निकालें। प्रयास करने से कोई न कोई हल जरूर निकल आएगा।
पति के काम की स्थिति का पता लगाएं:-
सबसे पहले उनके इतने व्यस्त रहने के कारण को समझने का प्रयास करें। कहीं उनका टाइम मैनेजमेंट या काम को मैनेज करने का तरीका तो गलत नहीं। पति पर अति काम का बोझ स्थाई है या कुछ सीमित समय के लिए है। कई बार प्रोजेक्ट समय सीमित होते हैं इसलिए तो व्यस्त नहीं या उनका प्रमोशन का समय तो नहीं है, इसलिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही हो। कहीं बॉस का दबाव तो नहीं है उनपर, इसलिए बॉस की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए काम अधिक कर रहे हो। कहीं ऐसा तो नहीं आपके तानों और झगड़ों के कारण ज्यादा समय आफिस में बिता रहे हों।
कैसे निबटें:अगर परिवार का दायित्व उन पर ही है तो समझें उनकी जिम्मेदारी को। वह आपकी और परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक मेहनत कर रहे हैं। उनके काम की कद्र करें। अगर आप उनको किसी रूप में सहयोग दे सकती हैं तो अवश्य दें। कम से कम मानसिक शांति तो दें ताकि वे शांत मन से काम मन से काम कर सकें। अगर पति आफिस के कामों में उलझे रहते हैं तो आप घर की जिम्मेदारी निभाने का बोझ उठाएं ताकि उनका काम का दबाव एक तरफ ही रहे जैसे घर का राशन, बिल जमा कराने, बैंक के काम बच्चों को स्कूल लेने छोडऩे की जिम्मेदारी आदि।
घर के माहौल को सुखद और खुशनुमा बनाएं। घर पर ऐसा वातावरण बनाएं कि उन्हें घर पर आना और रहना पसंद हो, अपनेपन का अहसास हो। अगर आपकी बड़बड़ाने, प्रश्न करने या ताना देने की आदत हो तो उस पर नियंत्रण करें। इनसे दूरियां बढ़ेंगी, कम नहीं होगी। घर के माहौल से परेशान पति अक्सर आफिस या बाहर दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं।
– नीतू गुप्ता