नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि देश के दुश्मनों से सख्ती से निपटने के लिए सशस्त्र बलों को खुली छूट दे दी गई है।
रक्षा मंत्री ने ‘कारगिल विजय दिवस’ के अवसर पर कहा कि देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हमने देश के दुश्मनों को खत्म करने के लिए सशस्त्र बलों को खुली छूट दी है।
उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति प्रतिबद्ध है। लेकिन भारत के हितों की रक्षा के लिए हम एलओसी पार करने में संकोच नहीं करेंगे। पहले देश और सशस्त्र बलों में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली हमारी सरकार ने इस कमी को दूर कर दिया है। हम अपनी सेनाओं के साथ मजबूती से खड़े हैं। लोगों और संसद को हमारे सैनिकों पर पूरा भरोसा है।
कारगिल विजय दिवस को चिह्नित करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा किया। यहां पर राजनाथ सिंह ने पुष्पांजलि अर्पित की और उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने ‘ऑपरेशन विजय’ के दौरान अनूठी बहादुरी का प्रदर्शन किया था।
द्रास के समारोह में युद्ध नायकों, वीर नारियों और शहीद नायकों के परिवारों की भीड़ भी देखी गई। इस दौरान राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों की वीरता और प्रतिबद्धता की सराहना की, जिन्होंने समय-समय पर देश को संकट के समय खड़े रहने में मदद की है। उन्होंने आगे कहा कि आज का भारत सैनिकों के बलिदान की नींव पर टिका है।
उन्होंने ‘ऑपरेशन विजय’ को एक ऐसा प्रकरण बताया, जिसने भारत के धैर्य और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया क्योंकि वह विपरीत परिस्थितियों में भी डटा रहा। रक्षा मंत्री ने इस जीत को एक लॉन्च पैड बताया, जिसने देश को सफलता की ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि हमारी महानता कभी न गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर उठने में है। युद्ध के दौरान दुश्मन के पास सामरिक सैन्य लाभ होने के बावजूद, हमारी सेनाओं ने उन्हें पीछे धकेलने और हमारी जमीन को पुनः प्राप्त करने के लिए बेजोड़ बहादुरी और स्किल का प्रदर्शन किया। जीत के साथ, भारत ने पाकिस्तान और दुनिया को संदेश दिया कि अगर देश के हितों को नुकसान पहुंचाया गया तो हमारी सेना किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगी।
राजनाथ सिंह ने कारगिल युद्ध के कई बहादुर सैनिकों के वीरतापूर्ण कार्यों को याद किया, जिनमें परमवीर चक्र (पीवीसी) पुरस्कार विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा और कैप्टन मनोज पांडे तथा वीर चक्र (वीआरसी) पुरस्कार विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल आर विश्वनाथन, कैप्टन जिंटू गोगोई, कैप्टन विजयंत थापर और नायब सूबेदार मंगेज सिंह शामिल थे, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और हमेशा याद किये जायेंगे।
रक्षा मंत्री ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना और श्रीविद्या राजन का विशेष उल्लेख किया, जिन्होंने युद्ध के दौरान असाधारण साहस दिखाया और यह संदेश दिया कि जब देश की सीमाओं की सुरक्षा की बात आती है तो भारतीय महिलाएं अपने पुरुष समकक्षों से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी सैनिक भारत के विभिन्न क्षेत्रों से थे, लेकिन देश और उसके लोगों की हितों की रक्षा के लिए एक होकर लड़े।