मुजफ्फरनगर। जनपद में बहुचर्चित रामपुर तिराहा कांड की पत्रावली की सुनवाई के दौरान तत्कालीन झिंझाना एसओ एसपी मिश्रा (सेवानिवृत्त सीओ) अदालत में हाजिर हुए। अदालत में हाजिर नहीं होने पर दो पुलिसकर्मियों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। अगली सुनवाई दो अप्रैल को होगी।
शनिवार को सिविल जज सीनियर डिविजन (फास्ट ट्रैक) के पीठासीन अधिकारी मयंक जायसवाल ने सुनवाई की। उत्तराखंड संघर्ष समिति के समन्वयक अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि सीबीआई बनाम एसपी मिश्रा की पत्रावली पर सुनवाई चल रही है। आरोपी एसपी मिश्रा हाजिर हुए, जबकि गजराज सिंह और बृज किशोर अदालत में हाजिर नहीं हुए, उनके गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए गए। अब दों अप्रैल को सुनवाई होगी।
ज्ञातव्य है कि एक अक्तूबर 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। गंभीर धाराओं के ट्रायल मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को अधिकृत किया है।