लखनऊ – उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को 20 हजार से एक लाख जनसंख्या वाले सबसे पिछड़े 100 नगरीय निकायों में आकांक्षी नगर योजना को लागू किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां संपन्न मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों को बताया कि योजना के अंतर्गत इन नगरीय निकायों में वर्तमान में चल रही सरकारी योजनाओं के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार, सांसद व विधायक निधि समेत अन्य संस्थाओं से सहयोग प्राप्त कर कन्वर्जन के माध्यम से परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा।
उन्होने बताया कि योजना के तहत 762 नगरीय निकायों में से 100 आकांक्षी नगरीय निकायों का चयन नीति आयोग द्वारा 16 पैरामीटर्स के आधार पर किया जाएगा। इनमें यह योजना 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी, लेकिन इसकी मॉनीटरिंग डैशबोर्ड के माध्यम से 31 मार्च 2028 तक चलेगी। इस योजना के जरिए संसाधनों का आदर्श प्रयोग और आर्थिक विकास के अवसरों को बढ़ाकर पलायन रोकने में मदद मिलेगी।
श्री खन्ना ने बताया कि मंत्रिमंडल ने सहारनपुर, अयोध्या और फिरोजाबाद में एसी इलेक्ट्रिक बसों से संचालन से संबंधित प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। इन शहरों में इलेक्ट्रिक बसों से संचालन, प्रबंधन एवं अनुरक्षण के लिए कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत संबंधित मंडल के आयुक्त की अध्यक्षता में नए एसपीवी के गठन का निर्णय लिया गया है। एसपीवी को नगरों में बसें चलाने के लिए मार्ग निर्धारित करने का अधिकार होगा। साथ ही मार्गों पर किराए के निर्धारण के साथ ही यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में विचार विमर्श करने का भी अधिकार होगा।
उल्लेखनीय है कि अभी प्रदेश के 14 शहरों में कुल 740 एसी इलेक्ट्रिक बसों का संचालन 13 एसपीवी के माध्यम से कराया जा रहा है।