Friday, November 22, 2024

प्रयागराज में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच असद सुपुर्द-ए खाक

प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी और माफिया अतीक अहमद के पुत्र असद को कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच यहां पुश्तैनी कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। असद झांसी में पिछले मंगलवार को एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।

पुलिस अधीक्षक (अपराध) सतीश चंद्र ने बताया कि कब्रिस्तान के बाहर पुलिस के कड़े बंदोबस्त किए गए है, जो भी कब्रिस्तान के अंदर दाखिल हो रहा था उसकी आईडी और फोन नंबर दर्ज किया जा रहा था। सुरक्षा को लेकर आरएएफ और पीएसी की कई कंपनियां मौके पर तैनात किए गयी थी।

उन्होने बताया कि पुलिस ने अपनी निगरानी में असद के शव को शांतिपूर्वक सुपुर्द-ए-खाक कराया। सुरक्षा के तहत असद के शव को सीधा कब्रिस्तान लाया गया। कब्रिस्तान के ऊपर ड्रोन से निगरानी की जा रही थी। पुलिस के कैमरा मैन भी अपने कैमरों में लोगों को कैदकर रहे थे। आरएएफ और पुलिस लगातार पेट्रोलिंग कर रही थी। करीब पांच बैरीकेडिंग एन्ट्री प्वाइंट बनाया गये थे। इस दौरान सड़क पर केवल सन्नाटा पसरा रहा। उनके बहुत ही नजदीकी को अंदर जाने की इजाजत दी गयी।

पूरे क्षेत्र की वीडियोग्राफी करायी जा रही थी ताकि कुछ संदिग्ध दिखलाई पडे तो उस पर तत्काल एक्शन लिया जा सके। आसमान में ड्रोन अपना काम कर रहा था। सूत्रों ने बताया कि शाइस्ता परवीन के पहुंचने की आशंका को लेकर महिला कमांडो भी क्षेत्र में तैनात किये गये थे। महिला पुलिस पैनी नजर रखे हुए थी जबकि सिविल ड्रेस और पर्दानसीं भी महिला पुलिस तैनात की गयी। कसारी मसारी क्षेत्र में कडाई इस कदर देखने को मिली कि घर के बाहर निकलने वालों को सुरक्षा में लगे जवान घर के अंदर रहने के निर्देश दे रहे थे।

झांसी में यूपी एसटीएफ के साथ गुरूवार को हुई मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उसको सुपुर्द-ए-खाक के लिए प्रयागराज उसके फूफा डॉ़ अहमद नौ बजकर 20 मिनट पर यहां पहुंचे। असद के नाना ने बताया कि दुर्भाग्य है कि उसकी मां यहां नहीं है। उसको पहले नहलाया जाएगा उसके बाद उसे सुपुर्द-ए-खाक किया गया। सुपुर्द-ए-खाक के दौरान अतीक के वकील, असद के फूफा अखलाक, मामा, मौसा और दूर के कुछ रिश्तेदार कब्रिस्तान में सुपुर्द -ए-खाक में शामिल हुए । पर्दानशीं पांच से छह महिलाओं की पूरी जांच के बाद अंदर पहुंच सकी।

इस्लामिक रीति रिवाज के अनुसार उसे 10.30 बजे सुपुर्द-ए-खाक कराया। मुल्ला, मौलवी उसके दफनाने की प्रक्रिया के दौरान फातिया भी पढ़े गए। असद के कब्र पर फूल की चादर भी चढाई गयी। सभी रिश्तेदारों और वहां मौजूद लोगों ने असद पर मिट्टी डाली।

अतीक के पांच बेटों में असद तीसरे नंबर पर था। इसके दो बेटे मोहम्मद उमर और अली मोहम्मद लखनऊ और नैनी जेल में बंद हैं। दोनो नाबालिग बेटे एहजम और आबान धूमनगंज थाना क्षेत्र के राजरूपपुर स्थित बाल सुधार गृह में हैं। अतीक , चाचा अशरफ बंद हैं जबकि मां शाइस्ता परवीन फरार है। कब्रिस्तान में असद का अपना कहा जाने वाला कोई भी उसके जनाजे में शामिल नहीं हुआ।

असद का कब्र खोदने वाले जानू खां ने बताया कि कसारी मसारी कब्रिस्तान में असद के दादा हाजी फिरोज और दादी के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था। उन्ही के कब्र के बगल में ही असद को दफनाया गया। अतीक अहमद ने बेटे के जनाने में शामिल होने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल किया है। अतीक के पिता की जब मौत हुई थी उस समय भी वह जेल में बंद था। लेकिन उसे सुपुर्दे खाक में शामिल होने के लिए अदालत से इजाजत मिली थी। नाना समेत कुछ गिने चुने लोग ही असद को सुपुर्द-ए-खाक किया।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय