अहमदाबाद। गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में मंगलवार को फिर से उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम साबरमती सेंट्रल जेल से यूपी ले गई। यूपी पुलिस की टीम जब उसे गुजरात की साबरमती जेल से लेकर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के लिए रवाना हो रही थी, उसी दौरान वाहन में बिठाए जाने के वक्त अतीक अहमद ने कहा, ”यह सही नहीं है, वे मुझे मारना चाहते हैं।” अदालत ने 28 मार्च को अहमद और दो अन्य को 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
अहमद और उसके सहयोगियों ने 2006 में उमेश पाल का अपहरण कर लिया था और उन्हें अपने पक्ष में अदालत में बयान देने के लिए मजबूर किया था। सजा सुनाए जाने के बाद 60 वर्षीय उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक और लोकसभा सदस्य को 29 मार्च को गुजरात की उच्च सुरक्षा वाली जेल में वापस ले जाया गया।
अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अहमद को जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण की साजिश रचने का आरोप लगाने के बाद अप्रैल 2019 में गुजरात की एक उच्च सुरक्षा वाली जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। पुलिस के अनुसार, हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में अहमद का नाम लिया गया है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक विधायक राजू पाल की 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें अहमद कथित तौर पर शामिल था। इस हत्या के मामले में एक प्रमुख गवाह उमेश पाल की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज में उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई थी।
अहमद ने सुरक्षा के लिए पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, यह दावा करते हुए कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में झूठा आरोपी बनाया गया है, और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है।
अपनी याचिका में अहमद ने कहा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए उसकी ट्रांजिट रिमांड और पुलिस रिमांड की मांग कर रही थी और आशंका है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान उसे खत्म किया जा सकता है।