प्रयागराज । उत्तर प्रदेश पुलिस माफिया अतीक अहमद को अहमदाबाद की साबरमती जेल और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल ले गई है। प्रयागराज से रवाना होने से पहले अशरफ ने मीडिया के सामने कहा कि मुझे एक बड़े अधिकारी ने धमकी दी है कि मुझे 2 हफ्ते के बाद किसी बहाने से निकाला जाएगा और निपटा दिया जाएगा। मुझ पर लगे आरोप फर्जी हैं, यह मुझे, मेरे परिवार को और उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की साजिश है।
वैन के अंदर मौजूद अशरफ ने मीडिया के सवालों पर जवाब देते हुए कहा कि उमेश पाल हत्याकांड के उन पर व उनके परिवार पर लगे आरोप झूठे हैं। यह बात खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जानते हैं, क्योंकि उनके खिलाफ भी झूठे मुकदमे दर्ज हुए हैं।
अशरफ ने बताया कि जेल में उनकी मुलाकात जेल अधिकारियों व वकीलों के सामने होती है, वहां से कैसे साजिश रची जा सकती है। ये सब झूठ है। जहां तक अतीक अहमद की पत्नी शाहिस्ता पर लगे आरोपों का सवाल है शाहिस्ता मेयर का चुनाव लड़ने वाली थीं, इसलिए उन्हें भी फंसाया गया है।
अशरफ ने इस बात को दोहराया है कि मैं और भाई अतीक अहमद विधायक रहे हैं, माफिया कैसे हो सकते हैं। मैं तीन साल से और अतीक अहमद 9 साल से जेल में हैं।
उल्लेखनीय है कि माफिया अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड में उम्र कैद की सजा मिलने के बाद यूपी पुलिस अतीक अहमद को गुजरात लेकर रवाना हो गई थी । प्रयागराज समेत पूरे यूपी में अतीक का आतंक और राजनीतिक रसूख होने के कारण उसको सभी जेलों में हर तरह की सुविधाएं मुहैया हो रही थीं। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अतीक को राज्य के बाहर अन्य जेल में शिफ्ट करने की गुहार लगाई गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अतीक को अहमदाबाद की साबरमती जेल में शिफ्ट किया गया था, जहां वो करीब दस साल से बंद है।
डॉन और नेता रहे अतीक अहमद को फिलहाल 2006 में उमेश पाल अपहरण केस में सजा हुई है, लेकिन अब अतीक अहमद को कुछ दिन पहले प्रयागराज में ही हुई उमेश पाल हत्याकांड का भी मुख्य आरोपी बनाया गया है। यूपी पुलिस ने अतीक को गिरफ्तार करने और पूछताछ करने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई है। इस पर अभी सुनवाई नहीं हुई है। कोर्ट अतीक से पूछताछ की इजाजत देती है तो अतीक को दोबारा गुजरात से यूपी लाना पड़ सकता है।
अतीक व उसकी गैंग पर 100 मामले दर्ज, 50 कोर्ट में विचाराधीन
उत्तर प्रदेश पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार माफिया अतीक अहमद और उसकी गैंग पर 100 से अधिक मामले दर्ज हैं। अतीक पर अभी 50 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। इनमें एनएसए, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के करीब डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हैं। अतीक पर पहला मामला 1979 में दर्ज हुआ था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी अपहरण के न जाने कितने मामले दर्ज हैं। इन्हीं मुकदमों के कारण उसका राजनीतिक कद भी बढ़ता गया। यही वजह है कि अतीक के खौफ के कारण कई मामले दर्ज नहीं हुए और कई मामलों में गवाह पलट गए। कई मामलों की ट्रायल भी नहीं हो सकी। अतीक के खिलाफ दर्ज कुछ और मामलों का फैसला जल्द ही आने वाला है।