प्रयागराज,-अधिवक्ता उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी शाइस्ता परवीन की गिरफ्तारी पर पुलिस ने ईनाम की राशि बढाकर अब 50 हजार रूपये कर दी है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अपराधी से राजनेता बने माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर इनाम की राशि शुक्रवार की रात बढ़ाकर 50 हजार कर दी है। इससे पहले उसके खिलाफ 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने बताया कि 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली और बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के पांच आरोपियों माफिया अतीक अहमद,पत्नी शाइस्ता परवीन, भाई अशरफ, और उसके बेटों के खिलाफ नामजद तथा नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। इसके बाद से ही वह फरार चल रही है। गिरफ्तारी न होने पर उसके खिलाफ इनाम की राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गयी है।
सीसीटीवी फुटेज में अतीक अहमद के पुत्र असद और अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर की पहचान कर पुलिस तलाश कर रही है। इनकी भी इनाम की राशि ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है।
हत्याकांड में शामिल अरबाज को धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेमसराय में नेहरू पार्क के पास 27 फरवरी की दोपहर में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। अरबाज पर पुलिस कमिश्नर ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था। इसके बाद कौंधियारा के लालपुर इलाके में इस हत्याकांड से जुड़े दूसरे आरोपी शूटर विजय उर्फ उस्मान चौधरी को 6 मार्च को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया। इसपर भी 50 हजार का इनाम था।
इसी बीच उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी को भी आरोपी बनाया गया है। शूटरों को फरार करवाने में आयशा नूरी की अहम भूमिका सामने आई है। पुलिस ने जांच के बाद आयशा को भी आरोपी बनाया है। पुलिस को फिलहाल आयशा की तलाश है। अतीक के बहनोई अखलाक के गिरफ्तार होने के बाद आयशा फरार चल रही है।
शूटर गुड्डू मुस्लिम 5 मार्च को मेरठ स्थित आयशा नूरी के घर गया था, आयशा नूरी और अखलाक अहमद ने गर्मजोशी से गुड्डू मुस्लिम से मुलाकात की थी। गुड्डू मुस्लिम को फरार होने के लिए दोनों ने आर्थिक मदद भी की थी। अगले दिन ही 6 मार्च को आयशा नूरी अपनी बेटी उजनिला नूरी के साथ प्रयागराज पहुंच गई थी, आयशा नूरी ने अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा और बेटी उनजिला नूरी के साथ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने भाई अतीक अहमद और अशरफ को बेकसूर बताया था, उसने अतीक और अशरफ की जान को खतरा भी बताया था।
गौरतलब है कि गिरफ़्तारी से बचने के लिए शाइस्ता परवीन की अग्रिम जमानत याचिका एमपी/एमएलए कोर्ट से गुरूवार को खारिज हो गयी है। उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। शाइस्ता के बेटे असद पर पुलिस ने पांच लाख का इनाम घोषित किया है। हत्याकांड का मुख्य आरोपी वही है। गोली चलाते समय उसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
अतीक अहमद का आपराधिक इतिहास यूं तो दशकों पुराना है मगर राजनीति और अपराध के घालमेल, साक्ष्यों के अभाव और कमजोर पैरवी के चलते उसके खिलाफ कोई भी मुकदमा इससे पहले परवान नहीं चढ़ सका था। अतीक के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे विभिन्न अदालतों में दर्ज कराये जा चुके हैं मगर पिछले चार दशकों में पहली बार 28 मार्च को माफिया सरगना को सजा सुनायी गयी है।
करीब 17 साल पहले उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक समेत कुल 11 को आरोपी बनाया गया था। इसमें से एक आरोपी की मौत हो गई है। विशेष अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ल की अदालत ने 28 मार्च को अतीक अहमद, दिनेश पासी और खाना शौलत हनीफ को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। साथ ही अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया।