Wednesday, May 8, 2024

मुंह में बैक्टीरिया भी हो सकते हैं हृदय रोगों का कारण

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अगर आपके मुंह में अधिक बैक्टीरिया हैं तो आपको हृदय रोगों की संभावना अधिक हो सकती है। हाल ही में हुए एक शोध में इन दोनों के मध्य गहरा संबंध पाया गया।

द अमेरिका हार्ट एसोसिएशन के जर्नल ‘सर्कुलेशन में प्रकाशित कोलम्बिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के विशेषज्ञ डॉ. मोयस डेसवेरियक्स व उनके सहयोगियों द्वारा किए गए इस शोध का विषय लगभग 657 व्यक्ति थे। शोध के प्रारंभ में किसी भी व्यक्ति को हृदय रोग नहीं था पर जिन व्यक्तियों के मुंह में बैक्टीरिया अधिक पाए गए उनकी रक्तवाहिनियां स्वस्थ नहीं पाई गई।

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विशेषज्ञों के अनुसार मसूड़ों से बैक्टीरिया रक्तधारा में मिल जाते हैं और इम्यून सिस्टम को उत्तेजित करते हैं जिससे रक्तवाहिनियां प्रभावित होती हैं। हृदय रोगों के लिए बहुत से कारक उत्तरदायी होते हैं पर बैक्टीरिया कारक को समाप्त भी किया जा सकता है व इसका इलाज भी संभव है इसलिए सफाई का ध्यान रख मुंह के इस बैक्टीरिया को दूर करने का प्रयत्न करें व इन्हें पनपने का मौका न दें।

ग्लूकोमा का रोगी बना रहा है कंप्यूटर
आज कंप्यूटर हमारी दैनिक आवश्यकता बनता जा रहा है व हमारे दैनिक जीवन से बहुत गहरा जुड़ गया है पर हाल ही में हुए नवीनतम शोधों ने इसके हमारे आंखों पर पडऩे वाले हानिकारक प्रभाव का खुलासा किया है।

एक जापानी शोध के अनुसार अधिक कंप्यूटर देखना व्यक्ति को ग्लूकोमा का रोगी बना देता है। ग्लूकोमा में नेत्रों की नसों को नुक्सान पहुंचता है और अंधेपन तक की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। धूम्रपान व उच्च रक्तचाप के कारण तो आंखों पर दुष्प्रभाव पड़ता ही है पर जिनकी दृष्टि कमजोर हो और वे कंप्यूटर पर अधिक काम करते हैं, तो उन्हें ग्लूकोमा होने की संभावना अधिक होती है।

इस शोध में औसत 43 वर्ष की आयु के लगभग 10,000 व्यक्तियों का मेडिकल चेकअप गया किया व यह जाना गया कि वे कितने समय कंप्यूटर देखते हैं। इनमें से जिन व्यक्ति की दृष्टि कमजोर थी व वे कंप्यूटर पर अधिक काम करते थे, उनमें सामान्य दृष्टि व कंप्यूटर पर कम काम करने वाले व्यक्तियों की अपेक्षा, आंखों संबंधी रोग अधिक देखने को मिले। विशेषज्ञों के अनुसार जिस तरह कंप्यूटर का प्रयोग इतना बढ़ता जा रहा है उसे देखते हुए आंखों को सुरक्षा देना कठिन प्रतीत हो रहा है। वयस्क ही नहीं, बच्चे भी इसके दुष्परिणाम से सुरक्षित नहीं हैं।

सेक्स हार्मोन का गिरता स्तर अल्जाइमर के लिए उत्तरदायी
हाल ही में आस्ट्रेलियन विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार वृद्धावस्था में महिलाओं और पुरूषों में सेक्स हार्मोन का गिरता स्तर एक प्रोटीन निर्माण करता है और विशेषज्ञों को संदेह है कि यह अल्जाइमर रोग की संभावना को बढ़ाता है। एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी के राल्फ मार्टिन के अनुसार हार्मोन टेस्टोस्ट्रोन का कम स्तर बैटा एमीयलॉइड नामक प्रोटीन के अधिक स्तर के लिए उत्तरदायी होता है और इस प्रोटीन का संबंध अल्जाइमर से है।

बैटा एमीयलाइड एक टॉक्सिक पदार्थ होता है जो मस्तिष्क में उन स्थानों पर न्यूरॉन को मारता है जो सीखने व याद रखने की क्षमता से जुड़े हैं। यही नहीं। टेस्टोस्टेरान का अधिक स्तर इस प्रोटीन के स्तर को कम करता है और मस्तिष्क क्षमता को बढ़ाता है। अब विशेषज्ञ यह जानने के लिए शोधरत हैं कि टेस्टोस्टेरान का प्रतिस्थापन क्या मस्तिष्क क्षमता को प्रभावित करता है या नहीं।

हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद है वाइन
‘वाइन’ हृदय के लिए अच्छी है, इस विषय में तो कई शोध हुए हैं पर हाल ही में स्टॉकहॉम में स्वीडन केरोलिनसका इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार जिन महिलाओं को हृदयाघात हुआ या जिन्होंने सर्जरी कराई हुई है, जब उन्होंने सीमित मात्रा में वाइन का सेवन किया तो उनकी एचआरवी अर्थात् हार्ट रेट वेरियेबिल्टी वाइन का सेवन न करने वाली महिलाओं की अपेक्षा अधिक पाई गई।

एच.आर.वी. द्वारा हृदय की धड़कन के मध्य अंतराल का पता चलता है और इसका बहुत कम होना हृदय रोगों और मृत्यु का कारण बन सकता है। इस शोध के विशेषज्ञ प्रोफेसर स्टाफन एहनवे के अनुसार इस शोध में जिन महिलाओं ने प्रतिदिन 5 ग्राम या इससे अधिक वाइन का सेवन किया, उनकी एचआरवी में अधिकता पाई गई। अधिक मात्रा का सेवन सुरक्षित नहीं है, इसलिए सीमित मात्रा में ही वाइन लें। यह शोध सिर्फ महिलाओं पर किया गया।
– सोनी मल्होत्रा

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