प्रयागराज। नकली शराब की बिक्री मामले में आजमगढ़ के पूर्व सांसद रमाकांत यादव को झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज करते हुए निचली अदालत को मामले में छह महीने में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि अगर मामले का निस्तारण नहीं होता है तो याची के पास नए सिरे से जमानत पर विचार करने का विकल्प खुला रहेगा। यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने रमाकांत यादव की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याची जुलाई 2022 से जेल में है। उसके खिलाफ नकली शराब बिक्री मामले में आईपीसी की धारा 272, 273 और आबकारी अधिनियम की धारा 60 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी। आरोप था कि नकली शराब पीने से नौ लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, प्राथमिकी में उनका नाम नहीं था। उनका नाम विवेचना में सामने आया था।
याची अधिवक्ता की ओर से दलील दी गई कि वह चार बार सांसद और पांच बार विधायक रहे हैं और उन्हें राजनीतिक दुश्मनी की वजह से इस मामले में फंसाया गया है। वह निर्दोष हैं। उनका कोई लेना-देना नहीं है।
हालांकि, राज्य सरकार के वकील ने दलील दी कि इस मामले की जांच के दौरान यादव की संलिप्तता उजागर हुई और पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए याची की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।