मेरठ। जीएसटी चोरी के सबसे बड़े मामले में आरोपी प्रवीण कुमार की जमानत याचिका सीजेएम सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है। मामला छह माह पुराना है। 27 अक्तूबर को जीएसटी की टीम ने मनोज कुमार मिश्रा को 91 फर्जी फर्मों के जरिए 357 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में दो अन्य अभियुक्त प्रवीण कुमार और अखिलेश तिवारी को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था।
जीएसटी के अधिकारियों ने लंबी जांच के बाद 72 हजार पन्नों की चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। सीजीएसटी के विशेष अभियोजन अधिकारी लक्ष्य कुमार सिंह ने बताया कि जांच के बाद पता चला कि यह पूरा सिंडीकेट 232 कंपनियों के जरिए चल रहा था। इन लोगों ने 5846 करोड़ रुपये के फर्जी बिल व इनवाइस के आधार पर 1048 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट फर्जी तरीके से ले लिया।
इस मामले में प्रवीण कुमार की जमानत के लिए न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी, जिसे सत्र न्यायालय, मेरठ ने खारिज कर दी। इससे पहले 23 अप्रैल को एक अन्य अभियुक्त अखिलेश तिवारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वहीं मनोज मिश्रा की जमानत पहले ही खारिज हो चुकी है।