नोएडा। चीन से नेपाल के रास्ते प्रतिबंधित ई-सिगरेट मंगाकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में बेचने वाले एक गैंग के दो शातिर बदमाशों को थाना सेक्टर-39 पुलिस ने आज गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने 960 ई-सिगरेट, 3 किलो 100 ग्राम गांजा तथाघटना में प्रयुक्त होने वाली स्विफ्ट डिजायर कार बरामद किया है। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी यहां के विभिन्न बीपीओ में काम करने वाले, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं तथा रईसजादो को ऊंची कीमत पर ई-सिगरेट सप्लाई करते थे। पुलिस इस गैंग में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है।
पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) विद्यासागर मिश्रा ने बताया कि थाना सेक्टर-39 पुलिस नेएक सूचना के आधार पर सेक्टर-41 के पास से तस्लीम पुत्र नसीम तथा अहमद रफी पुत्र मोहम्मद रफीक को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि इनके पास से एक स्विफ्ट डिजायर कार में रखी आठ कॉटन में भारी 960 ई-सिगरेट बरामद हुई है। डीसीपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपियों का एक संगठित गिरोह है। ये लोग चीन से प्रतिबंध ई-सिगरेट पहले नेपाल मंगवाते हैं, तथा नेपाल से भारत के विभिन्न शहरों में होते हुए उक्त सिगरेट को ये लोग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लाकर सप्लाई करते हैं।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी यहां के विभिन्न कॉल सेंटर, बीपीओ में काम करने वाले लोगों, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं तथा नशे के आदि रईसजादो को ई-सिगरेट सप्लाई करते हैं। उन्होंने बताया कि इनके गैंग में कुछ और लोग शामिल हैं। पुलिस इनसे विस्तृत रूप से पूछताछ कर उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। डीसीपी ने बताया कि बरामद प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की कीमत 50 लाख रुपए के आसपास है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बैटरी से चलने वाला एक डिवाइस होता है जिसमें निकोटीन के साथ केमिकल के घोल भरे होते हैं जब इसमें इस्तेमाल करना वाला व्यक्ति ई-सिगरेट से कस खींचता है तो डिवाइस के जरिए और निकोटीन और केमिकल भाप में बदल जाते है, जो धुएं की जगह भाप के रुप में शरीर के अंदर जाती है जोकि फेफड़ों को गंभीर रूप से हानि पहुंचाती है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने साल 2019 में ई-सिगरेट के उत्पादन, आयात, निर्यात, हस्तांतरण, बिक्री, विज्ञापन पर रोक लगा दी थी और इसके लिए सजा का प्रावधान कर दिया था।
बता दें कि नोएडा शहर में मादक पदार्थ का कारोबार तेजी से फैल रहा है। इसका दायरा हाई-फाई सोसायटियों, बीपीओ व काल सेन्टरों के साथ ही कालेज व विश्वविद्यालयों तक फैल चुका है। पुलिस गाहे-बगैहा अभियान चलाकर छोटे-मोटे अपराधियों को ही पकड़ पा रही है। बड़े अपराधी अब भी पुलिस की पकड़ से कोसों दूर है।