नयी दिल्ली/लखनऊ- कुख्यात माफिया अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से हटाकर अब दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जाएगा , इसी के साथ अतीक परिवार को मदद पहुँचाने में 3 जेल अधीक्षक सस्पेंड कर दिए गए है।
सूत्रों के मुताबिक गोपनीय जांच के आधार पर अतीक की जेल बदले जाने की तैयारी है। प्रयागराज के सरकारी अमले ने यूपी सरकार को गोपनीय रिपोर्ट भेजी है, इस रिपोर्ट में अतीक अहमद की जेल बदलवाने की सिफारिश की गई है, इस रिपोर्ट के आधार पर यूपी सरकार अब जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट से अतीक अहमद की जेल बदले जाने और उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल शिफ्ट किये जाने की अनुमति मांगी जाएगी।
इसी बीच बरेली जिला जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को सहूलियतें मुहैया कराने और नियमों की अवहेलना कर जेल में शूटरों और गुर्गो की अशरफ से मुलाकात कराने के आरोपी जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है। नैनी जेल के अधीक्षक व बांदा जेल के अधीक्षक पर भी गाज गिरी है।
नैनी जेल के जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह और बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम को भी निलंबित कर दिया गया है।इन तीनो जेल में अतीक के परिजन बंद है।
डीआईजी जेल की जांच रिपोर्ट पर जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। इससे पहले जेलर राजीव कुमार मिश्रा, मुलाकात अधिकारी डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह और पांच वार्डरों को निलंबित किया जा चुका है। इनमें दो वार्डर गिरफ्तार भी हो चुके हैं।
प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद मिले इनपुट के आधार पर बरेली जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिलने पर डीआईजी जेल आरएन पांडेय को जांच सौंपी गई थी। उन्होंने जांच रिपोर्ट डीजी जेल आनंद कुमार को सौंप दी थी। डीजी के निर्देश पर जेलर, डिप्टी जेलर के अलावा हेड जेल वार्डर ब्रजवीर सिंह, वार्डर दानिश मेंहदी और दलपत सिंह को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद से ही जेल अधीक्षक पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई थी। डीआईजी जेल आरएन पांडे की रिपोर्ट पर ही शासन ने जिला जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को सस्पेंड कर दिया है।
गौरतलब है कि अशरफ से बिना पर्च शूटरों और गुर्गों की मुलाकात कराने के मामले में बिथरीचैनपुर थाने में दर्ज मुकदमे की जांच कर रही एसआईटी ने शुरुआती जांच में इनपुट मिलने के बाद जेल के सिपाही शिव हरी अवस्थी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल में भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने पर शासन ने प्रभारी डीआईजी जेल आरएन पांडे को मामले की जांच सौंपी थी। जिसमें उन्होंने जेल अधीक्षक, जेलर और दो डिप्टी जेलर समेत नौ लोगों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट सौंपी थी। इसके आधार पर पूर्व में सात के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।
सभी पर आरोप है कि उन्होंने जेल के नियमों की अनदेखी कर अशरफ को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया। जेल में सहूलियत देने मामले में अब यह सभी कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। इस बीच, अशरफ से बिना पर्च शूटरों और गुर्गो की मुलाकात कराने के मामले में बिथरी थाने में दर्ज मुकदमे की जांच कर रही एसआईटी ने सोमवार को पीलीभीत जेल से वार्डर मनोज गौड़ को गिरफ्तार कर लिया था। अशरफ के गुर्गे सरफुद्दीन की भी गिरफ्तारी हुई है। न्यायालय में पेशी के बाद दोनों को बरेली जेल भेजा गया है। मनोज गौड़ और सात मार्च को गिरफ्तार बरेली जेल के वार्डर शिवहरि अवस्थी को भी निलंबित कर दिया गया है।
दरअसल उमेश पाल शूटआउट कांड की साजिश में बरेली जेल का नाम भी चर्चा में है. इसी जेल में माफिया अतीक का भाई अशरफ बंद है। आरोप है कि उसने जेल के भीतर बैठकर उमेश पाल की हत्या की साजिश रची थी। उमेश पाल की हत्या से 13 दिन पहले 11 फरवरी को बरेली जेल में अतीक गैंग के नौ गुर्गों ने अशरफ से मुलाकात की थी।