सहारनपुर। जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में सम्भावित बाढ़ से होने वाली जान-माल की हानियों को रोकने व कम करने के लिए बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चन्द्र ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सम्भावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुये सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बाढ़ सुरक्षा समितियों का गठन करने के साथ ही तटबन्धों की निगरानी के लिये टीम गठित करने के निर्देश दिये। राहत एवं खोज बचाव, राहत कैम्पों की स्थापना एवं संचालन कार्यों हेतु नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाए।
सम्भावित बाढ़ निरोधक कार्यों के लिए क्षतिग्रस्त स्थल पर मरम्मत करने के लिए मजदूर एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थायें भी समय से पूर्ण कर लिये जाएं। उन्होने कहा कि शासकीय सेवा में रहते हुये पीडितों एवं जरूरतमंदों की मदद करना पुण्य का कार्य होता है, उनके हित में किये गये कार्यों का सेवाफल किसी न किसी रूप में अवश्य प्राप्त होता है। गर्मी के प्रकोप के दृष्टिगत सभी विद्यालयों एवं शासकीय भवनों की छतों पर पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। डॉ0 दिनेश चन्द्र ने अधिशासी अभियंता सिंचाई को निर्देशित किया कि 2013 में आई बाढ़ के आंकड़ों को ध्यान में रख कार्ययोजना तैयार करें।
बाढ सम्भावित क्षेत्रों के उपजिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारियों के साथ समय-समय पर तैयारियों का जायजा लेते हुए निरीक्षण करें और जो कमियां हों उन्हें दुरूस्त कराएं। इसी प्रकार से सहायक नगर आयुक्त को निर्देशित किया गया कि शहर में अतिवृष्टि एवं समुचित जलनिकासी न होने के कारण होने वाले जलभराव से बचने के लिए सभी प्रकार से आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चन्द्र ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सम्भावित बाढ़ के समय प्रभावित ग्रामों में प्रकाश के लिये जनरेटरों की भी व्यवस्था कर लें।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग से सम्भावित बाढ़ के समय प्रभावित सम्पर्क मार्गों के आवागमन के लिये उपयुक्त स्थिति की योजना तैयार करने के भी निर्देश दिये। मोटरबोट की व्यवस्था के लिये सम्बन्धित से सम्पर्क कर लें एवं बाढ़ चौकियों की स्थापना करने के साथ ही वायरलैस सेट का भी प्रबन्ध कर लिया जाये। नाविकों एवं गोताखोरों के मोबाइल नंम्बर संरक्षित कर लिए जाएं ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी सेवाएं ली जा सकें।
उन्होंने आपूर्ति विभाग को प्रभावित ग्रामों में जीविकोपार्जन के लिये खाद्य सामग्री, कैरोसिन तेल, माचिस आदि की व्यवस्था करने के लिये ठोस एवं प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये। जनपद में पर्याप्त मात्रा में डीजल, पेट्रोल की उपलब्धता सुनिश्चित रहे। चिकित्सा विभाग को जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए चिकित्सकों की ड्यूटी चार्ट तैयार करने एवं शिविरों की व्यवस्था एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया कि गर्मी के मौसम के दृष्टिगत सभी तालाब पानी से भरवा दिये जाएं। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ0 अर्चना द्विवेदी, सिंचाई विभाग के अधिकारी एवं समस्त उपजिलाधिकारी उपस्थित रहे।