मुजफ्फरनगर। एसडी कॉलेज मार्केट के दुकानदारों को बहुत बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा जारी किये गए नोटिस को निरस्त कर दिया है।
आपको बता दें कि 27 दिसंबर 22 को जिला प्रशासन ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी की तरफ से एस.डी.एसोसिएशन को एक नोटिस जारी कराया था। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह की तरफ से जारी नोटिस में एसडी कॉलेज मार्केट की जमीन को नगर पालिका में निहित करने का निर्देश दिया गया था।
एसडी मार्केट के भू–स्वामित्व को लेकर नगर पालिका मुजफ्फरनगर एवं सनातन धर्म इंटर कॉलेज एसोसिएशन के बीच विवाद चल रहा है। नगर पालिका ने भूमि पर अपना स्वामित्व जातते हुए कॉलेज एसोसिएशन को 189 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया था। साथ ही एसडी इंटर कॉलेज एसोसिएशन को भूमि खाली करने के लिए नोटिस भेजा था।
पालिका का दावा है कि यह भूमि एसोसिएशन को शैक्षिक कार्यों को लीज पर दी गई थी। आरोप है कि कॉलेज एसोसिएशन ने लीज डीड की शर्तोँ का उल्लंघन किया और भूमि का उपयोग व्यावसायिक कार्यों में करते हुए उस पर मार्केट खड़ी कर दी। जिसमें लगभग 840 दुकानें संचालित हो रही हैं। करीब 40 साल से लीज भी समाप्त हो चुकी है।
यह मामला काफी चर्चा में रहा था। रोज इसको लेकर सियासी तापमान बढ़ा हुआ था। निवर्तमान जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के जाने के जिलाधिकारी अरविन्द मलिंगा बंगारी आए तो मामला अभी ठंडा चल रहा था कि आज न्यायालय ने इस मामले को समाप्त कर दिया है।
बताया जाता है कि 27 दिसंबर के नोटिस को ही निरस्त कर दिया गया है जिसमें इस जमीन को नगरपालिका में निहित करने का निर्देश दिया गया था। कॉलेज एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि हाइकोर्ट के आदेश की सत्यापित कॉपी मिलने के बाद स्थिति पूरी तरह साफ होगी। मामले को लेकर प्रशासन ने 3 मार्च को एसोसिएशन की मीटिंग बुलाई है।
स्थानीय प्रशासन भी ताजा आदेश की जानकारी कर रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सही स्थिति हाईकोर्ट का आदेश मिलने के बाद पता लगेगी। जिला प्रशासन हाईकोर्ट के ताजा आदेश को केंद्र में रखकर आगे की प्रक्रिया अपनाने की तैयारी कर रहा है।
इस मामले में शिकायतकर्ता श्रीकांत त्यागी ने बताया कि जिला प्रशासन को एसडी कॉलेज मार्केट प्रकरण में हाईकोर्ट से कोई बड़ा झटका नहीं लगा है, जिला प्रशासन के जमीन के स्वामित्व को और 190 करोड़ रुपए लेने को हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन के दावे को गलत नहीं माना, सिर्फ नोटिस देने की प्रक्रिया को गलत माना है।
हाईकोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में कहा है कि एसडी कॉलेज एसोसिएशन को फ्रेश नोटिस दिया जाए। कानून के अनुरूप इन्हें सुनवाई का अवसर दिया जाए, जिला प्रशासन के दो महत्वपूर्ण बिंदु थे, जिसमें एक जमीन जिला प्रशासन अर्थात नगरपालिका की है और दूसरा रजिस्टर्ड डीड के अनुसार एसडी कॉलेज एसोसिएशन को 190 करोड रुपए देने हैं।
उन्होंने बताया कि उक्त दोनों बिंदु पर हाईकोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की, सिर्फ नोटिस देने की प्रक्रिया को गलत माना है और उन्हें फ्रेश नोटिस देने के आदेश जिला प्रशासन को दिए हैं।