संभल। पिछले महीने संभल में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। पुलिस को 40 से अधिक गुमनाम पत्र मिले हैं, जिनमें हिंसा में बाहरी लोगों की संलिप्तता का दावा किया गया है। पत्रों में बताया गया है कि हिंसा भड़काने के लिए लोग हापुड़, बुलंदशहर, रामपुर, अमरोहा और मुरादाबाद से संभल पहुंचे थे।
मुज़फ्फरनगर में सभी समुदाय ने फूंका नफरत का पुतला, यशवीर महाराज के बयान से भड़का था विवाद
पत्रों में कहा गया है कि हिंसा के लिए रात 3 बजे हापुड़ से लोग निकले थे। इसमें बाहरी लोगों के समूह का विवरण दिया गया है, जो विशेष इलाकों से संभल पहुंचे। पत्रों में हिंसा के दिन की रणनीति और शामिल लोगों की जानकारी दी गई है।
मुज़फ्फरनगर में साले ने साथियों से करा दी जीजा की पिटाई,ससुराल वालों से चल रहा है झगड़ा
संभल पुलिस इन गुमनाम पत्रों में दिए गए तथ्यों के आधार पर जांच में जुट गई है। पुलिस ने 200 संदिग्ध लोगों की कॉल डिटेल्स निकाली हैं। हिंसा वाले दिन उनके मूवमेंट की विस्तार से जांच की जा रही है। 15 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उनकी गतिविधियों और बाहरी संपर्कों को खंगाला जा रहा है। पुलिस ने पांच विशेष जांच टीमों को आसपास के जिलों में सबूत इकट्ठा करने के लिए लगाया है।
यूपीपीएससी पीसीएस 2024: मुजफ्फरनगर में शांतिपूर्ण परीक्षा के लिए कड़े प्रबंध,पुलिस-प्रशासन अलर्ट
पिछले महीने संभल में 16वीं शताब्दी की शाही जामा मस्जिद को लेकर हुए विवाद के कारण हिंसक झड़पें हुईं। मस्जिद के न्यायालय-आदेशित सर्वेक्षण के दौरान, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हो गया। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए।
हिंसा के दौरान पत्थरबाजी और तोड़फोड़ हुई। इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं और स्कूलों को बंद करना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मस्जिद के आसपास चप्पलें, ईंटें और पत्थर बिखरे हुए नजर आए।
संभल पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में कई एफआईआर दर्ज की हैं। बाहरी लोगों की संलिप्तता का खुलासा करने के बाद, जांच की दिशा अब और तेज कर दी गई है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि हिंसा के पीछे कोई सुनियोजित साजिश थी या यह भीड़ की अचानक प्रतिक्रिया थी। जल्द ही अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी की उम्मीद है।
संभल में स्थिति अब सामान्य है, लेकिन पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। अधिकारियों ने कहा है कि जांच पूरी होने के बाद हिंसा में शामिल सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।