लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक तरफ जहां पूरी दुनिया योग करेगी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र में योग सत्र का नेतृत्व करेंगे, वहीं अपने ही देश में योग का विरोध शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने मदरसों में योगी सरकार के योग दिवस मनाने के फैसले का विरोध किया है। इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मोहसिन रजा ने बर्क की संकुचित मानसिकता करार दिया है।
पूर्व मंत्री मोहसिन रजा ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में योग सत्र की अगुवाई करेंगे। पूरी दुनिया हमारी ताकत को देख रही होगी। इस पर खुशी जताने के बजाए इस प्रकार का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि शफीकुर्रहमान बर्क ने इस प्रकार का बयान देकर अपनी और अपनी पार्टी की संकुचित मानसिकता का परिचय दिया है। भारत के योग संस्कृति को दुनिया ने स्वीकारा है और वह इसका विरोध कर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं। सच तो यह है कि वह नहीं चाहते कि देश और देश का मुसलमान आगे बढ़े। उन्हें पता है कि योग करने से बच्चे स्वस्थ होंगे। वह पढ़ने में अच्छे होंगे। ऊंची तालीम हासिल कर लिए तो उनकी तरक्की होगी। बर्क मुसलमानों की तरक्की होते नहीं देखना चाहते। बर्क के बयान पर सपा को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने अपने एक बयान के माध्यम से उप्र के मदरसों और दरगाहों में योग दिवस का बॉयकाट किया है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया है कि यह सरकार चाहती है कि मदरसे बंद हो जाएं और इन मदरसों में मजहबी तालीम न दी जाए।