नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी पर एक बार फिर हमला बोलते हुए बुधवार को सवाल उठाया कि कहीं उनका भारत की ओर से ‘दबाव’ डालने वाला बयान अमेरिकी चुनावी मौसम से तो नहीं जुड़ा है। ‘एफई डिजिटल भारत इकोनॉमी कॉन्क्लेव 2023’ में बोलते हुए मंत्री ने डॉर्सी के आरोपों को एक बार फिर सफेद झूठ बताया।
मंत्री ने कहा, इन दिनों अमेरिका में चुनावी मौसम है। क्या वह (डॉर्सी) दोबारा प्रासंगिकता पाने का रास्ता खोज रहे हैं। उन सभी सवालों का जवाब वही दे सकते हैं, लेकिन निश्चित रूप से ..उसने जो कहा है वह एक स्पष्ट झूठ है।
चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा, हमने ट्विटर को न तो बंद किया है और न ही ट्विटर के खिलाफ कोई दंडात्मक उपाय किया है। हम एक लोकतांत्रिक देश हैं और कानून के शासन से जीते हैं। इसलिए, चाहे आप सैन फ्रांसिस्को या मेनलो पार्क या बेंगलुरु या हैदराबाद में हों, नियम-कानून आप पर भी लागू होते हैं।
उन्होंने कहा कि ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिस तरह की मनमानी और शक्ति का दुरुपयोग करते हैं, यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है है कि इनके लिए और सीमाएं तय करने की जरूरत हैं।
मंत्री ने जोर देकर कहा, या तो इसलिए कि वे एक विशेष राजनीतिक विचारधारा का पालन करते हैं या क्योंकि कोई सिर्फ भगवान की भूमिका निभाना चाहता है। ट्विटर के बारे में बहुत सारी चीजें जो अब सार्वजनिक डोमेन में हैं, जो दुनिया भर में सीमाएं तय करने की आवश्यकता की पुष्टि करती हैं।
केंद्र ने इससे पहले डॉर्सी के इस दावे की आलोचना की थी कि भारत सरकार ने ट्विटर का कार्यालय बंद करने की धमकी दी थी और कर्मचारियों के घरों पर छापे मारे थे। सरकार ने कहा था कि यह ट्विटर के इतिहास के उस बेहद संदिग्ध दौर को मिटाने का प्रयास था।
डॉर्सी ने यूट्यूब चैनल ‘ब्रेकिंग पॉइंट्स’ के साथ एक साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि धमकियां तब आईं जब ट्विटर ने 2021 की शुरुआत में किसानों के विरोध-प्रदर्शन के दौरान कुछ अकाउंट्स को ब्लॉक करने की सरकार की मांगों को मानने से इनकार कर दिया।
इंटरव्यू में डॉसी ने दावा किया कि भारत ने प्लेटफॉर्म पर दबाव बनाया।