नई दिल्ली। भाजपा सांसद नरेश बंसल ने शुक्रवार को संसद में उस वक्त हंगामा खड़ा कर दिया, जब उन्होंने राज्यसभा में कहा कि ‘इंडिया’ नाम ‘औपनिवेशिक गुलामी’ का प्रतीक है और इसे ‘संविधान से हटा दिया जाना चाहिए।’ उन्होंने देश का नाम बदलकर ‘भारत’ करने की भी मांग की।
उच्च सदन में बोलते हुए बंसल ने इस बात पर जोर दिया कि ‘इंडिया’ शब्द ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों द्वारा थोपा गया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश का असली प्राचीन नाम ‘भारत’ है, जिसकी जड़ें प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में हैं और हजारों वर्षों से इसका उपयोग किया जाता रहा है।
भाजपा सांसद ने आगे कहा कि एक समृद्ध ऐतिहासिक पहचान वाले राष्ट्र के रूप में भारत को औपनिवेशिक युग का नाम त्याग देना चाहिए।
बंसल ने कहा, “अंग्रेजों ने भारत का नाम बदलकर इंडिया कर दिया। संविधान के अनुच्छेद 1 के तहत, ‘इंडिया, यानी भारत’ कहा गया है। हमारा देश हजारों वर्षों से ‘भारत’ नाम से जाना जाता है… यह इस देश का प्राचीन नाम है और प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में पाया जाता है। ‘इंडिया’ नाम औपनिवेशिक राज द्वारा दिया गया था और इस प्रकार यह गुलामी का प्रतीक है। संविधान से इंडिया नाम हटा दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने पिछले साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द़वारा दिए गए भाषण का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने उपनिवेशवाद के सभी अवशेषों को खत्म करने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा, “मेरा प्रस्ताव है कि आजादी के अमृत काल के तहत हम अनुच्छेद 1 की शुरुआत को बदलकर केवल भारत कर दें और ‘इंडिया’ नाम हटा दें।”
बंसल ने आग्रह किया कि देश का नाम बदलकर ‘भारत’ करना देश की विरासत का सम्मान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
भाजपा बार-बार यह कहकर विपक्षी मोर्चा “भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन” (इंडिया) पर निशाना साधती रही है कि ‘इंडिया’ नाम औपनिवेशिक अतीत का अवशेष है।
इस बीच, कई कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भले ही भाजपा सभी औपनिवेशिक विरासत को हटाने पर अड़ी हुई है, लेकिन भाजपा सरकार ने मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, खेलो इंडिया जैसी अपनी प्रमुख योजनाओं और आंदोलनों में ‘इंडिया’ नाम का उपयोग करना जारी रखा है। प्रधानमंत्री सहित कई भाजपा नेता ‘न्यू इंडिया’ कहते रहे हैं।