मुजफ्फरनगर। भारत के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से देश के किसानों की समस्याओं पर भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी, पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान, सिफ़ा के चेयरमैन रघुनाथ दादा पाटिल, भाकियू (अ) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी, भाकियू (अ) उत्तराखंड के अध्यक्ष सल्विंदर सिंह कलसी, अमन सिंह, राजेंद्र सिंह कंबोज, श्रीमती दलजीत कौर रंधावा (भाकियू पंजाब), सेवा सिंह आर्य (भाकियू हरियाणा), युवा किसान नेता विनीत बालियान व अन्य किसान नेताओं के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली में भेंट की है। भारत के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान व किसान नेता इस बात पर सहमत थे कि सरकार एवं किसान का संवाद समय समय पर जरूरी है।
यह शुरुवात नया अध्याय लिखेगी। मांगेराम त्यागी ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भारतीय कृषि की चुनौतियों और संभावनाओं पर गहन चर्चा की और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नीतिगत सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया।
नीति निर्माण में किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझना और उनका समाधान ढूंढना अनिवार्य है। कृषि मंत्री के साथ बातचीत में धर्मेंद्र मलिक ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को रिजव प्राइस बनाना, जिन फसलों (फल-सब्जी व् बागवानी) के एमएसपी तय नहीं होते, उनके गिरते बाजार से किसान को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना में सुधार करना, फसल बीमा योजना में सुधार करना व लघु-सीमांत किसान का फसल बीमा जीरो प्रीमियम पर होना, पीएम किसान सम्मान निधि को बढ़ाना,प्रामाणिक बीज, पर्याप्त सिंचाई, उत्पादित फसल की सही मार्केटिंग व भंडारण की सुविधा, गुड व खाँडसरी उद्योग को उन्नत करने के लिए सब्सिडी देना जैसे विषय थे।सस्ते कृषि आयात को रोकने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने पर भी सहमति बनी।
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए व किसानों की उपज को एमएसपी पर खरीदकर उन्हें लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि कि उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार किया जाएगा।