मुजफ्फरनगर। विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा में किसान आंदोलन का असर पश्चिम यूपी में भी दिखने लगा है। भाकियू ने इसी बीच 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का एलान किया हुआ है। वहीं 17 फरवरी को सिसौली में पंचायत रखी गई। इसमें आसपास के राज्यों के किसान प्रतिनिधि सिसौली की पंचायत में शामिल होंगे।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का कहना है कि किसानों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। 16 फरवरी को किसान लॉकडाउन है, इसके बाद 17 फरवरी को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और यूपी के प्रतिनिधियों की बैठक सिसौली में बुलाई गई है। यहीं पर भविष्य के आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि 16 फरवरी को किसान खेतों में कार्य न करें। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मजदूर भी हड़ताल पर रहेंगे। इससे सोच की नई दिशा का पता चलेगा और यह भी पता चल जाएगा कि आंदोलन में कितने लोग हिस्सा ले रहे हैं। किसानों के विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया है। भाकियू जिले में दस प्वाइंट बनाकर धरना प्रदर्शन करेगी।
किसान-मजदूरों से आह्वान किया गया है कि एक दिन के लिए अपना काम बंद रखें। भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने बताया कि किसान लॉकडाउन के लिए संगठन ने पूरी तैयारी कर ली है। जिले में ब्लॉक स्तर पर अलग-अलग प्वाइंट बनाकर रणनीति तैयार की गई है। बुढ़ाना ब्लॉक में दो प्वाइंट बनाए गए हैं। किसान गांधीवादी तरीके से अपनी मांग रख रहे हैं। समस्याओं का समाधान निकालना बेहद जरूरी है। खेती वर्तमान में किसानों के लिए घाटे का सौदा है। सरकार ने आय दोगुनी करने की बात कही थी, लेकिन किसान की आय घट गई है। किसान सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक धरना प्रदर्शन करेंगे।
जनपद में भाकियू दस स्थानों पर धरना प्रदर्शन करेगी, जिसमें ब्लॉक खतौली में नावला कोठी, ब्लॉक जानसठ में खतौली तिराहा, मोरना ब्लॉक में भोपा पुल, चरथावल ब्लॉक में नहर पर, पुरकाजी ब्लॉक में फलौदा कट, शाहपुर में ब्लॉक मुख्यालय पर, बुढ़ाना में बायवाला चौकी व फुगाना, सदर ब्लॉक में बागोवाली चौराहा, बघरा ब्लॉक में जागाहेड़ी टोल पर धरना दिया जाएगा।
बंद के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने, लखीमपुर खीरी के साजिशकर्ता को गिरफ्तार करने, 736 किसान परिवारों के लिए सिंधू बॉर्डर पर स्मारक बनाने, किसान परिवानों को मुआवजा व पुनर्वास की मांग रखी गई है।
औद्योगिक क्षेत्रीय हड़ताल में संयुक्त किसान मोर्चा, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघ के अलावा किसान-मजदूरों से समर्थन मांगा गया है। बताया जा रहा है कि हड़ताल में ट्रांसपोर्टर भी संयुक्त किसान मोर्चा के साथ रहेंगे।