Thursday, May 15, 2025

आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता’, मौलाना रशीद फिरंगी महली ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की

लखनऊ। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले को लेकर देशभर में आक्रोश है। हर तरफ इस हमले की निंदा की जा रही है और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। मौलाना रशीद फिरंगी महली ने भी हमले की निंदा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

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मौलाना रशीद फिरंगी महली ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। हम पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की सख्त अल्फाजों में मजम्मत करते हैं। इस सिलसिले में आज हमारे मदरसे में बड़ी संख्या में छात्रों, शिक्षकों और शाहीन अकादमी के छात्रों ने हिस्सा लिया। हमने एक विशेष दुआ का आयोजन किया, जिसमें उन बेगुनाह लोगों के लिए दुआ की गई जो इस हमले में मारे गए। हम उनके परिवारों के साथ गहरी हमदर्दी व्यक्त करते हैं। साथ ही, जो लोग घायल हुए हैं, उनके जल्द स्वस्थ होने और शीघ्र रिकवरी के लिए भी दुआ की गई।

 

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इसके अलावा, हमने यह भी प्रार्थना की कि अल्लाह जम्मू-कश्मीर और पूरे देश से आतंकवाद को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर दे। मौलाना ने सरकार से अपील की कि इस हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पहलगाम और जम्मू-कश्मीर की जनता से भी अपील की कि हर हाल में शांति और अमन कायम रखें। हम वहां गए पर्यटकों की सुरक्षा और उनकी हर संभव मदद सुनिश्चित करने की अपील करते हैं। इस घटना को किसी भी धार्मिक या सांप्रदायिक दृष्टिकोण से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

 

 

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ऐसा करना एक नकारात्मक छवि को बढ़ावा देता है। हमारी, सुरक्षा बलों और सरकार की यह कोशिश होनी चाहिए कि दोषियों को सख्त सजा दी जाए। साथ ही, जनता की यह जिम्मेदारी है कि सांप्रदायिक सौहार्द को हर हाल में बनाए रखें। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि किसी को कोई तकलीफ न पहुंचे। मौलाना रशीद ने आगे कहा कि हम अपने चैनल के माध्यम से एक बार फिर यह संदेश देना चाहते हैं कि आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी होता है। उसे किसी धर्म से जोड़ना बिल्कुल भी जायज नहीं है। हमने 2006 में ही हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया था और आज भी हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी जंग में पूरे देश के साथ हैं।

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