हिमाचल छात्रवृत्ति घोटाला: CBI ने ED अधिकारी पर कसा शिकंजा.. 600 करोड़ के गबन मामले में भ्रष्टाचार का नया केस दर्ज
शिमला/चंडीगढ़ । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक विशाल दीप और उनके भाई विकास दीप के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है, जबकि ईडी हिमाचल प्रदेश में 600 करोड़ रुपये के एससी/एसटी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में कार्रवाई कर रही है।
सीबीआई के अनुसार, उनकी अनुमानित आय 40.28 लाख रुपये थी, जबकि उनका खर्च 98.29 लाख रुपये से अधिक था। नौ महीनों में उनकी संपत्ति लगभग 9.20 लाख रुपये से बढ़कर 44.44 लाख रुपये हो गई।
उनके खिलाफ 23 दिसंबर, 2025 को औपचारिक मामला दर्ज किया गया। आय से अधिक संपत्ति का यह मामला हिमाचल प्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा है, जिसमें विशाल दीप कथित अनियमितताओं की जांच कर रहे थे। उन पर आरोपियों को गिरफ्तारी की धमकी देने और 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है।
शिकायत के आधार पर सीबीआई ने 25 दिसंबर 2024 को जाल बिछाया। अभियान के दौरान विशाल दीप भाग निकला, जबकि उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में विशाल दीप को भी गिरफ्तार किया गया।
इस मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में सीबीआई के एक उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) को भी गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। आरोपियों ने आरोप लगाया है कि इसमें सीबीआई के कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त थे और ईडी की जांच के दायरे में आए कुछ शिक्षण संस्थानों की मदद कर रहे थे।
हालांकि, कई शिक्षण संस्थानों ने आगे आकर विशाल दीप के साथ-साथ कुछ अन्य ईडी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों पर भी गलत काम करने का आरोप लगाया।
इस बीच, ईडी ने कहा कि उसकी जांच शिमला में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई उस एफआईआर से शुरू हुई है जिसमें अनुसूचित जाति/
अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। ईडी ने पीएमएलए के अंतर्गत तीन पूरक अभियोग दायर किया है, लगभग 30.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है, 80 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं, 3.30 करोड़ रुपये की जमा राशि फ्रीज की है और अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
