प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के स्नान से पहले मची भगदड़ ने एक भीषण हादसा उत्पन्न कर दिया। मंगलवार देर रात करीब 2 बजे त्रिवेणी संगम के पास मची भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए। मृतकों में से 25 की पहचान हो चुकी है, जबकि 36 घायलों का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
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घायलों में से 24 लोगों को प्रारंभिक इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 36 अन्य को गंभीर हालत में इलाज के लिए भेजा गया। घायलों में कर्नाटक, असम, और गुजरात के एक-एक श्रद्धालु शामिल हैं।
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उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कई बार इस घटना पर बातचीत की है और पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात की है।
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घटना के बाद, अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के प्रमुख स्नान को रोक दिया था। जब तक भीड़ कम नहीं हुई, तब तक 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान नहीं किया। बुधवार दोपहर को सभी 13 अखाड़ों ने स्नान की प्रक्रिया फिर से शुरू की।
प्रशासन ने प्रयागराज की सभी सीमाएं सील कर दी हैं और मेला क्षेत्र की ओर लोगों से न आने की अपील की है। साथ ही, प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की और संयम बनाए रखने की अपील की है।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इस हादसे पर गंभीरता से प्रतिक्रिया दी और कहा कि सरकार ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि इस हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने स्थिति को अब नियंत्रण में बताया है और महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।