चेयरपर्सन ने दी 78 करोड़ रुपये के विकास की सौगात, 55 वार्डों में 3० करोड़ की लागत से होंगे निर्माण कार्य
मुजफ्फरनगर: नगरपालिका परिषद् की बोर्ड बैठक में एक बार फिर से सभासदों ने टैक्स बढ़ाने के पालिका प्रशासन के प्रस्ताव पर जोरदार विरोध जताया। पूरे सदन में सभासद टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ नजर आए। सभासदों की नाराजगी और सदन की सहमति पर पालिका ने फिलहाल टैक्स प्रस्ताव को टालते हुए इसमें संशोधन का निर्णय लिया है। बोर्ड ने मांग की है कि आवासीय भवनों पर टैक्स दरें यथावत रखते हुए शहर के व्यावसायिक भवनों पर 20 प्रतिशत की वृद्धि लागू की जाए। साथ ही, नए क्षेत्र और छूटी संपत्तियों को भी टैक्स के दायरे में लाया जाए, जिससे पालिका की आय में वृद्धि हो सके।
मुजफ्फरनगर में भाई-बहन के साथ मारपीट, फायरिंग की घटना, पीड़ित परिवार ने की कार्रवाई की मांग
करीब 75 मिनट चली इस बोर्ड मीटिंग में 77 प्रस्तावों वाला एजेंडा सामने रखा गया था, जिसमें से 76 प्रस्ताव, जिनकी कुल लागत लगभग 78 करोड़ रुपये थी, सदन की सहमति से पारित किए गए, जबकि एक प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया। पालिका परिषद् में गुरुवार को आयोजित इस बैठक में, अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप की अध्यक्षता में ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने शहीद दिवस पर मौन धारण के बाद एजेंडा प्रस्तुत किया और पिछले कार्यों की पुष्टि के साथ 77 प्रस्तावों पर चर्चा की गई। प्रस्ताव संख्या 429 पर सभासदों ने एकजुट होकर चेयरपर्सन के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया।
रामलाल ने कठपुतली प्रस्तुति में बताई संविधान की विशेषताएं व कठिनाई
सभासद राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, अन्नू कुरैशी, योगेश मित्तल, शौकत अंसारी, मौहम्मद खालिद, रजत धीमान, अर्जुन कुमार और अन्य सभासदों ने शहरी क्षेत्र की अचल संपत्तियों पर टैक्स बढ़ोतरी के निर्णय का विरोध किया और इसे जनहित के खिलाफ बताया। उनका कहना था कि पालिका अभी तक सभी संपत्तियों पर टैक्स निर्धारण नहीं कर पाई है, इसलिए टैक्स बढ़ाने के बजाय छूटी संपत्तियों पर टैक्स लागू किया जाए और व्यावसायिक भवनों पर टैक्स बढ़ाया जाए।
प्रतापगढ़ में गोबर के ढेर में मिला चार घंटे पहले जन्मा बच्चा
सदन में प्रस्ताव रखा गया कि पालिका के पुराने क्षेत्र के आवासीय भवनों पर टैक्स दरें यथावत रखते हुए सम्पूर्ण शहरी क्षेत्र में आवासीय दरों के मुकाबले व्यावसायिक भवनों पर 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाए। साथ ही नव विस्तारित क्षेत्र में भी अचल संपत्तियों को दो श्रेणियों – पुराने ग्रामीण क्षेत्र और नव विकसित कॉलोनियों में विभाजित करते हुए यहां पर भी ग्रामीण में 40 पैसे और नव विकसित कॉलोनियों में 80 पैसे प्रति वर्गफुट की दर से मासिक किराया तय करते हुए कर निर्धारण किया जाए।
मोबाइल गुमशुदगी में गुम हुए 82 मोबाइलों को ट्रेस कर पीडितों को थाने बुलाकर किए सुपुर्द
सदन की सहमति पर इस प्रस्ताव को संशोधन के लिए फिलहाल टाल दिया गया है। संशोधन के बाद इसे अगली बैठक में लाया जाएगा।
वहीं, प्रस्ताव संख्या 448 में पालिका के स्वामित्व वाले भवनों और दुकानों का किराया अनुबंध और नामांतरण साल 1977 के शासनादेश या 2014 के बोर्ड प्रस्ताव के तहत करने पर बोर्ड की स्वीकृति मांगी गई थी, लेकिन विवाद होने पर इसे निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।
फरीदाबाद : नकाबपोश बदमाशों ने घर के गेट पर पेट्रोल डालकर लगाई आग
बोर्ड मीटिंग में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप की पहल पर 55 वार्डों में सड़क और नाली निर्माण सहित अन्य विकास के 196 कार्यों को भी मंजूरी मिली। इन कार्यों पर पालिका 29 करोड़ 75 लाख 46 हजार 900 रुपये खर्च करने जा रही है। बैठक में कुल 78 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई, जिसमें जनकल्याण के साथ ही पालिका कर्मियों के हितों के भी कई निर्णय लिए गए।
बोर्ड मीटिंग में पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप, ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह के अलावा सभासद राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, कुसुमलता पाल, सीमा जैन, राखी पंवार, रितु त्यागी, अनीता हसीब राणा, नौशाद खान, नवाब जहां, ममता बालियान, बबीता वर्मा, रजत धीमान, शौकत अंसारी, हकीम इरशाद, शहजाद चीकू, नौशाद पहलवान, अमित पटपटिया, नवनीत गुप्ता, प्रशांत गौतम, मोहित मलिक, शिवम मुन्ना, अर्जुन प्रजापति सहित कुल 51 सदस्य मौजूद रहे। सभासद पारूल मित्तल, देवेश कौशिक, पूजा पाल और मुसीरा देवी गैरहाजिर रहे। पालिका अधिकारियों में कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव, एई जलकल सुनील कुमार, एई निर्माण अखंड प्रताप सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार, जेई जलकल जितेंद्र कुमार, चीफ योगेश कुमार, सेनेट्री इंस्पेक्टर प्लाक्षा मैनवाल, कार्यवाहक टीएस पारूल यादव सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।