नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को कहा कि बड़ी परीक्षाओं को पेपर लीक के कारण रद्द करना मोदी सरकार की कार्यशाली बन गई है लेकिन पेपर रद्द करना और अधिकारियों को बदलना इस समस्या का समाधान नहीं है इसलिए इस दिशा में भेदभाव रहित तरीके से काम करने और सबके हित कदम उठाने की जरूरत है।
खड़गे ने कहा, “नीट घोटाले में ज़िम्मेदारी सरकार के शीर्ष अधिकारियों के इर्दगिर्द आकर रुकती है। नौकरशाहों में फेरबदल करना भाजपा द्वारा बर्बाद शिक्षा प्रणाली की समस्या का समाधान नहीं है। एनटीए को एक स्वायत्त निकाय के रूप में पेश किया गया था लेकिन वास्तव में इसे भाजपा तथा आरएसएस के कुटिल हितों की पूर्ति के लिए बनाया गया था। छात्रों को न्याय दिलाने के लिए मोदी सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “नीट-पीजी परीक्षा स्थगित कर दी गई है। पिछले 10 दिनों में चार परीक्षाएं या तो रद्द या स्थगित की गई हैं। पेपर लीक, भ्रष्टाचार, अनियमितताएं और शिक्षा माफिया ने हमारी शिक्षा प्रणाली में घुसपैठ कर ली है। देर से की गई लीपापोती की कवायद का अब कोई फायदा नहीं है क्योंकि अनगिनत युवा इससे पीड़ित हैं।”
श्रीमती वाड्रा ने कहा, “नीट-पीजी पेपर लीक, नीट-पीजी रद्द, यूजीसी-नेट रद्द, सीएसआईआर-नेट रद्द। आज ये देश की कुछ सबसे बड़ी परीक्षाओं का हाल है। भाजपा राज में समूची शिक्षा का ढाँचा माफियाओं-भ्रष्टाचारियों के हवाले हो चुका है। लालची और चाटुकार किस्म के अयोग्य लोगों के हाथ में देश की शिक्षा और बच्चों का भविष्य सौंप देने की राजनीतिक जिद और अहंकार ने पेपर लीक, परीक्षा रद्द, कैंपसों से पढ़ाई-लिखाई का विलोप और राजनीतिक गुंडागर्दी को हमारी शिक्षा- व्यवस्था की पहचान बना दिया है। हालत ये हो गई है कि भाजपा सरकार साफ-सुथरे ढंग से एक परीक्षा तक नहीं करा सकती।”
उन्होंने कहा, “आज युवाओं के भविष्य के सामने भाजपा सरकार एकमात्र सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़ी हो चुकी है। देश के काबिल युवा अपना सबसे कीमती समय, सारी ऊर्जा भाजपा के भ्रष्टाचार से लड़ने में गवां रहे हैं और मजबूर मोदी जी सिर्फ तमाशा देख रहे हैं।”