बलिया। उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के मनियर विकास खण्ड में पिछले दिनों मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुयी धांधली के मामले में सहायक विकास अधिकारी समेत नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने बुधवार को बताया कि 25 जनवरी को विकास खण्ड मनियर में हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रम के संबंध में कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थीं जिसकी जांच में पता चला है कि अभी तक पात्र लाभार्थियों को अनुदान में दी जाने वाली धनराशि वितरित नहीं की गयी है। जांच में दोषी पाए गए सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण मनियर समेत नौ लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है। सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण के विरुद्ध कार्यवाही के लिये पत्र भी प्रेषित किया जा चुका है । अन्य जो दोशी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी ।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जिले के मनियर थाने में जिला समाज कल्याण अधिकारी की तहरीर पर मनियर ब्लाक के सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण सुनील यादव और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिये आवेदन करने वाली मानिकापुर गांव निवासी अर्चना, रंजना यादव, सुमन चौहान,सुल्तानपुर गांव निवासी प्रियंका, सोनम, पूजा, रंजु व रमिता के विरुद्ध भारतीय डंड संहिता की धारा 419, 420 व 409 के तहत मंगलवार देर रात नामजद मुकदमा पंजीकृत किया गया है ।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया है कि गत 25 जनवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मनियर विकास खण्ड के मनियर इण्टर कालेज के प्रांगण में आयोजित सामूहिक विवाह में फर्जी वर वधुओं के विवाह की सूचना प्राप्त हुयी थी जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने 29 जनवरी को तथ्यों की जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी, जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी व जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी की एक टीम गठित की।
टीम द्वारा मनियर विकास खण्ड के ग्राम पंचायतों सुल्तानपुर, ककरघट्टा खास व मानिकपुर में लाभार्थियों की जांच कर रिपोर्ट प्रेषित की गई जिसमें आवेदिका अर्चना का विवाह जून 2023 में, रंजना यादव व सुमन चौहान का विवाह मार्च 2023 में, प्रियंका का विवाह नवंबर 2023 में, पूजा का विवाह एक वर्ष पूर्व, संजू का विवाह 3 वर्ष पुर्व व रमिता का विवाह जुलाई 2023 में हो चुका पाया गया, वहीं सोनम राजभर की शादी अभी तक तय ही नहीं हुई है । लिहाजा यह सभी लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं ।
मामले में आठों लाभार्थियों द्वारा किए गए आवेदन का स्थलीय सत्यापन सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण सुनिल यादव द्वारा किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया है कि सुनिल यादव द्वारा अपने पदीय दायित्वों का सम्यक रूप से निर्वहन नहीं किया गया है व शासकीय कार्यों में घोर लापरवाही बरती गई है । जिसके कारण शासकीय धनराशि का दुर्पयोग हुआ है । जांच में सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण सुनिल यादव दोशी पाए गए हैं । इसके अतिरिक्त अपात्र संबंधित आवेदकों द्वारा वास्तविक तथ्यों को छुपाते हुए योजना अंतर्गत अवैध रूप से धन लाभ पाने के लिए आवेदन किया गया है, जिसके लिये संबंधित आवेदक भी सामान्य रूप से दोषी पाए गए हैं । मामले में पुलिस ने सभी 9 के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया है । पुलिस मामले की जांच कर रही है ।