कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कैशलेस लेनदेन पर केंद्र सरकार के फोकस की आलोचना करते हुए कहा कि यह सूक्ष्म एवं लघु उद्योग इकाइयों के लिए बड़ी बाधाएं पैदा कर रहा है।
बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट-2023 के समापन सत्र में बोलते हुए बनर्जी ने कहा, “कैशलेस लेनदेन अमीर लोगों के लिए बिल्कुल सही है। डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना उनकी मजबूरी है। लेकिन अपेक्षाकृत कमजोर वित्तीय पृष्ठभूमि वाले कितने लोग डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं? मैं भी ऐसे कार्ड का इस्तेमाल नहीं करती। इस तरह, कैशलेस लेनदेन पर अत्यधिक ध्यान सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए समस्याएँ पैदा कर रहा है।”
बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का ध्यान बड़ी इकाइयों की बजाय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों पर अधिक है।
“छोटा हमेशा सुंदर होता है। जरूरी नहीं है कि बड़े उद्योग हमेशा ज्यादा रोजगार पैदा करें। लेकिन छोटे उद्योग सही मायनों में रोजगार पैदा करने वाले हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि उद्योगपतियों को अक्सर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है।
उन्होंने कहा, “उद्योगपति अक्सर केंद्रीय एजेंसियों से डरकर देश छोड़ रहे हैं। सटीक रूप से कहें, तो कई बार उद्योगपतियों को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दबा दिया जाता है। साथ ही, अधिक कराधान भी उनके लिए बोझ बन जाता है।”
उन्होंने अपने भाषण के अंत में बताया कि इस वर्ष शिखर सम्मेलन में 188 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि इस साल समिट के दौरान राज्य को 3.37 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।