नई दिल्ली। केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) के बाद कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने वक्फ बिल को समर्थन दिया है और सांसदों से आग्रह किया है कि जब इसे चर्चा के लिए पेश किया जाए तो वे इसके पक्ष में मतदान करें। केसीबीसी और सीबीसीआई का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देशभर में चर्चा तेज हो रही है। केरल में ईसाई समुदाय के बीच अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केसीबीसी के इस रुख का स्वागत किया है।
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भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “केसीबीसी के बाद अब सीबीसीआई (कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया) भी वक्फ संशोधन के पूर्ण समर्थन में उतर आया है, जिससे कांग्रेस, वामपंथ, टीएमसी, समाजवादी पार्टी के झूठे नैरेटिव की हवा निकल गई है, जो इसे बहुसंख्यक बनाम अल्पसंख्यक, हिंदू बनाम मुस्लिम का मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वक्फ संशोधन का एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी के पास असंवैधानिक रूप से भूमि, हड़पने की शक्ति न हो, और वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन पारदर्शी तरीके से, बिना भ्रष्टाचार के मुस्लिम समुदाय के सबसे गरीब लोगों के लाभ के लिए हो।”
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शहजाद पूनावाला ने वीडियो साझा करते हुए कहा, “केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) के बाद, कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने भी वक्फ संशोधन को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने केरल के 600 परिवारों का मामला उठाया है, जिनकी जमीन और संपत्ति वक्फ ने जब्त कर ली है। उन्होंने सांसदों से संशोधन का समर्थन करने की अपील की है। यह हिंदू बनाम मुस्लिम मुद्दा नहीं है, दोनों संगठनों ने यह स्पष्ट कर दिया है।
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यह अल्पसंख्यक बनाम बहुसंख्यक संघर्ष नहीं है। बल्कि, यह वक्फ के नाम पर जमीन का दोहन करने वालों और गरीब मुस्लिम समुदाय के बीच संघर्ष है।” केसीबीसी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में मुनंबम भूमि विवाद का जिक्र किया गया है, जो केरल के एर्नाकुलम जिले के मुनंबम उपनगर में स्थित लगभग 404 एकड़ जमीन से जुड़ा है। इस जमीन पर केरल राज्य वक्फ बोर्ड ने दावा किया है, जिसका वहां रहने वाले करीब 600 परिवारों ने कड़ा विरोध किया है। इन परिवारों में ज्यादातर लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू शामिल हैं।
प्रभावित परिवारों का कहना है कि यह जमीन उनकी है, क्योंकि उन्होंने इसे दशकों पहले फारूक कॉलेज से खरीदा था और उनके पास इसके कानूनी दस्तावेज मौजूद हैं। केसीबीसी ने अपनी अपील में जोर देकर कहा कि मुनंबम भूमि विवाद का जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए, ताकि प्रभावित परिवारों को न्याय मिल सके। केसीबीसी ने अपनी अपील में कहा, “मुनंबम मुद्दे का समाधान होना चाहिए।
फारूक कॉलेज प्रबंधन ने दावा किया है कि संबंधित भूमि उपहार में दी गई थी।” केसीबीसी ने वक्फ अधिनियम की “असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण धाराओं” में संशोधन की मांग की है। केसीबीसी ने कहा, “सांसदों को वक्फ अधिनियम में संशोधन करने में सहयोग करना चाहिए, जो वर्तमान में ऐसी संपत्तियों के खिलाफ दावों की अनुमति देता है।” वहीं कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने वक्फ विधेयक का समर्थन करते हुए कहा है कि संशोधित कानून केरल के मुनंबम भूमि विवाद का स्थायी समाधान निकालने में मददगार साबित हो सकता है।