गाजियाबाद। के हिस्से का अनाज कागजों में वितरण दर्शाकर हड़पने वाले कोटेदारों पर सीबीसीआईडी का शिकंजा कसेगा। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा ईओडब्लू द्वारा अनाज घोटाले की जांच की जा रही थी। गाजियाबाद और उसके आसपास के जिलों में 14 मुकदमों की विवेचना सीबीसीआईडी आगरा परिक्षेत्र द्वारा की जा रही है। आगरा सीबीसीआईडी की टीम गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर पहुंच गई है।
बता दें 2018 में गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, मेरठ, फिरोजाबाद और आगरा समेत कई जिलों में राशन घोटाला हुआ था। कोटेदारों द्वारा एक ही आधार कार्ड पर कई कई बार राशन उठाया गया था। शासन स्तर से जांच में धांधली सामने आने के बाद कोटेदारों के लाइसेंस निलंबित करने के साथ ही मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। जिसकी जांच पहले एसटीएफ और फिर ईओडब्लू को सौंपी गई थी। अनाज घोटाले में दर्ज 132 मुकदमों की विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा सीबीसीआईडी को स्थानांतरित की गई थी।
इनमें 14 मुकदमों की विवेचना आगरा परिक्षेत्र को, मेरठ परिक्षेत्र को 96 और 22 मुकदमों की विवेचना बरेली सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी। मुकदमों में मुख्य आरोपी कंप्यूटर आपरेटर और राशन डीलर को बनाया गया है। विवेचना में अन्य आरोपी में नाम प्रकाश में आने हैं। सीबीसीआईडी की पांच इंस्पेक्टरों सहित 15 लोगों की टीम गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में जांच करेगी। जरूरत होने पर वह छापेमारी करेगी। कोटेदारों से पूछताछ के साथ ही जिन लोगों के राशनकार्ड पर अनाज बांटा गया है उनके बयान भी दर्ज किए जाएंगे।
गाजियाबाद में 195 के खिलाफ केस
2018 में गाजियाबाद में हुए राशन घोटाला में जिला आपूर्ति विभाग ने 195 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जिसमें 102 राशन डीलर्स, आपूर्ति विभाग में तैनात चार ऑपरेटर, 77 आधार धारकों तथा 14 राशन कार्ड धारक शामिल हैं। यह केस थाना कविनगर, कोतवाली, इंदिरापुरम, लोनी, खोड़ा, मोदीनगर, मुरादनगर और निवाड़ी में दर्ज कराए गए।