नयी दिल्ली। जनता दल (यूनाइटेड) ने बिहार में ‘जाति आधारित सर्वे’ की रिपोर्ट का सोमवार को स्वागत किया और केंद्र से इसी तरह पूरे देश में जाति आधारित सर्वे करा कर प्रत्येक नागरिक का न्यायपूर्ण विकास सुनिश्चित करने की मांग की।
बिहार में सत्तारूढ इस पार्टी ने राज्य की जाति आधारित सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद यह मांग की है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार विधान परिषद के सदस्य अफाक अहमद खान ने यहां जारी एक बयान में कहा कि यह सर्वे रिपोर्ट ‘बिहार सरकार को सबके विकास पर ध्यान देने में सहायक होगी।’ उन्होंने केंद्र सरकार से भी इसी तरह का राष्ट्रव्यापी सर्वे कराने की अपील की है ताकि प्रत्येक नागरिक का ‘न्यायपूर्वक विकास’सुनिश्चित किया जा सके।
बयान में कहा गया है कि पार्टी के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार का यह सपना है कि सभी नागरिकों का न्यायपूर्वक विकास हो।
पटना में बिहार सरकार की ओर से विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने आज ही वहां सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन में बिहार जातिगत सर्वेक्षण के आंकड़े जारी किये ।
बिहार जातीय सर्वे रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की कुल जनसंख्या में 36.01 प्रतिशत अत्यंत पिछड़ी जातियों के, 27.12 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग की जातियों के, 19.65 प्रतिशत अनुसूचित जातियों के और 1.68 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों तथा 15.52 प्रतिशत अनारक्षित वर्ग की जाति के लोग हैं।
गौरतलब है कि जनता दल (यू) भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का लम्बे समय तक चला साथ छोड़ कर अब बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरेजीडी) के साथ मिल कर सरकार चला रहा है।