जयपुर। प्रदेश में आज से सभी निजी अस्पताल वापस बंद होने जा रहे हैं। मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती है। सभी निजी अस्पतालों में सभी सरकारी योजनाओं के लाभ को बंद कर दिया गया है। जिसमें मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना, आरजीएचएस सहित अन्य योजनाओं को बंद कर दिया गया है। 18 मार्च से सभी सरकारी योजनाओं को निजी अस्पतालों में बंद कर दिया गया है। वहीं रात 8 बजे से सभी निजी अस्पतालों को बंद करने की घोषणा की गई है।
स्टेट ज्वाइंट एक्शन कमेटी कल तक सरकार के पक्ष में थी। लेकिन, अब स्टेट ज्वाइंट एक्शन कमेटी वापस सरकार के विरोध में आ गई है। कमेटी का कहना है कि राज्य सरकार से उनकी बिल को लेकर सफल वार्ता हुई थी। लेकिन, आला अधिकारियों ने उसकी पालना नहीं की है। इसके चलते कमेटी की ओर से वापस राइट टू हेल्थ बिल के विरोध करने का निर्णय किया गया है।
स्टेट ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ सुनील चुग ने कहा कि बिल को लेकर सरकार से वार्ता हुई थी। जिसमें अस्पतालों के क्राइट एरिया को शामिल किया गया था। इनमें किन निजी अस्पतालों को राइट टू हेल्थ बिल में शामिल किया जाएगा और किन अस्पतालों को नहीं। अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि नियमों के हिसाब से शामिल किया जाएगा। ऐसे में अब और इंतजार नहीं किया जा सकता है। ऐसे कई बिंदुओं पर स्पष्टता दिखाई नहीं दे रही है। जिसके चलते कमेटी की ओर से बंद का निर्णय किया गया है।
दूसरी ओर प्राइवेट हॉस्पिटल्स व नर्सिंग होम सोसायटी की ओर से पहले ही बिल का विरोध जारी है। उनकी तरफ से पहले ही निजी अस्पतालों को बंद करने का निर्णय किया गया था। लेकिन अब तक संगठनों में दो फाड़ दिखाई दे रही थी। लेकिन अब वापस सभी संगठन बंद के निर्णय पर सहमत हो गए है। ऐसे में अब मरीजों के सामने परेशानी खड़ी होना तय है।
राजस्थान विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल पारित होने की कगार पर है। बिल को लेकर सरकार की मंशा पूरी तरह साफ है कि मरीजों के हित को सर्वोपरी रखा जाएगा। जिसे लेकर चिकित्सा मंत्री व मुख्यमंत्री कई बार स्पष्ट कर चुके है। वहीं यह भी कह चुके है कि निजी अस्पतालों को साथ रखकर यह बिल लाया जाएगा।