नई दिल्ली। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अधिकारी को “अपने आधिकारिक दर्जे के प्रतिकूल” गतिविधियों में शामिल होने के कारण “अवांछित व्यक्ति” घोषित कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि अधिकारी को 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी चार्ज डी’अफेयर्स को इस आशय का एक डिमार्शे जारी किया गया।
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इसमें उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि भारत में कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक या अधिकारी किसी भी तरह से अपने विशेषाधिकारों और स्थिति का दुरुपयोग न करें। यह निष्कासन यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और कई अन्य लोगों की पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद हुआ है। यह गिरफ्तारी भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर पाकिस्तान के हमलों के प्रयास के जवाब में देश में जासूसी नेटवर्क पर कार्रवाई के दौरान की गई थी।
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इससे पहले 13 मई को भी एक पाकिस्तानी राजनयिक को देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर ‘पर्सोना नॉन ग्रेटा’ (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर देश छोड़ने के लिए कहा गया था। विदेश मंत्रालय ने बताया था कि यह अधिकारी नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत था और उसकी गतिविधियां उसकी आधिकारिक स्थिति के अनुरूप नहीं थीं। सरकार ने उसे 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया था।
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इससे पहले, पंजाब पुलिस को भी जासूसी गतिविधियों से जुड़े एक महत्वपूर्ण नेटवर्क को उजागर करने में बड़ी सफलता मिली थी। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने जानकारी साझा करते हुए बताया था कि एक महत्वपूर्ण सफलता में मलेरकोटला पुलिस ने नई दिल्ली स्थित उच्चायोग में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी से जुड़ी जासूसी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।