नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में मौजूद शत्रु संपत्ति बेचने की तैयारी शुरू कर दी है। ये वो संपत्तियां हैं, जिनके मालिक पाकिस्तान या चीन जा चुके हैं और वहीं की नागरिकता ले चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल 12,611 शत्रु संपत्तियां हैं। माना जा रहा है कि इनकी अनुमानित कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन में इस तरह की शत्रु संपत्ति को खाली कराने और बेचने की प्रक्रिया के लिए गाइडलाइंस जारी की गई हैं। नोटिफिकेशन में बताया गया है कि इन संपत्तियों को जिला अधिकारी या डिप्टी कमीश्नर की मदद से बेदखली की प्रक्रिया जाएगी। यह सभी संपत्तियां भारत के शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक (सीईपीआई) में निहित हैं।
गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों के तहत अगर शत्रु संपत्ति की कीमत एक करोड़ रुपये से कम है तो सीईपीआई पहले इन संपत्तियों पर काबिज लोगों से ही इन्हें खरीदने की पेशकश करेगा। अगर संपत्ति पर रह रहे लोग इसे खरीदने से इनकार कर देते हैं तो फिर इन्हें गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत बेचा जाएगा। वहीं जिन शत्रु संपत्तियों की कीमत एक करोड़ से लेकर 100 करोड़ के बीच है, उन्हें सीईपीआई द्वारा ई-नीलामी के जरिए बेचा जाएगा या फिर केंद्र सरकार, शत्रु संपत्ति निपटारा कमेटी द्वारा सुझायी गई कीमत पर इन संपत्तियों को बेचेगी।
बता दें कि सरकार ने देश में अभी तक कुल 12,611 अचल शत्रु संपत्तियों की पहचान की है। सरकार ने इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक सर्वे किया था। ये शत्रु संपत्तियां देश के 20 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं। इनमें से 12,485 संपत्तियां पाकिस्तान जा चुके लोगों की हैं, वहीं 126 संपत्तियां चीन की नागरिकता ले चुके लोगों की हैं।