रांची- झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को चंपई सोरेन को मनोनीत मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करते हुए शपथ ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया। बताया जा रहा है कि चंपई सोरेन शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण कर सकते है, पर अभी भी संशय बरक़रार भी है।
रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से महागठबंधन के विधायक वापस सर्किट हाउस लौट गए हैं। लो विजिविलिटी की वजह से विधायकों का चार्टर प्लेन उड़ान नहीं भर सका। आखिरकार सभी विधायक प्लेन से उतर गये और सर्किट हाउस पहुंचे हैं।
जानकारी के अनुसार एहतियातन महागठबंधन के विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया जा रहा था। विधायकों को लेकर बस सर्किट हाउस से एयरपोर्ट के लिए गई। 38 विधायक दो चार्टर प्लेन में सवार भी हो गये थे, लेकिन अंतिम समय में लो विजिविलिटी की वजह से प्लेन उड़ान नहीं भर सका। एटीसी ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद विधायकों को लेकर बस एयरपोर्ट से सर्किट हाउस लौट गई।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राज्यपाल की तरफ से बुलावे का महागठबंधन इंतजार कर रही थी। गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे चंपई सोरेन के नेतृत्व में पांच विधायक राज्यपाल से मिले भी, मगर उन्हें सरकार बनाने का समय नहीं दिया गया। इसके बाद सभी विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी गई थी।
चंपाई सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद ही उनके नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया गया है, चंपाई सोरेन ने लिखा, “हमने 47 विधायकों के समर्थन के दावे और 43 विधायकों की साइन का समर्थन पत्र आपको सौंपा है। 43 विधायक बुधवार को राजभवन के गेट के बाहर भी खड़े थे. पिछले 18 घंटों से राज्य में कोई सरकार नहीं है, इससे असमंजस की स्थिति है, इसलिए आग्रह है कि सरकार बनाने के लिए हमें बुलाया जाए।
निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि JMM के 48-49 MLA हैं, लेकिन वो सिर्फ 42-43 का ही सिग्नेचर ले पाए हैं. सीता सोरेन, रामदास सोरेन बैठक में नहीं थे, कांग्रेस के कई नेता बैठक में नहीं थे. मुझे लगता है कि इनके पास MLA नहीं है चंपाई सोरेन के पास बहुमत नहीं है।
चंपाई सोरेन को ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता है, झारखंड की सियासी गलियारों में चंपाई को शिबू सोरेन का हनुमान कहा जाता है. सरायकेला से इन्होंने 1991 से 2019 के बीच 6 बार विधानसभा का चुनाव जीता. 2000 में सिर्फ एक बार हारे. हेमंत सोरेन जब पहली बार सीएम बने थे, तब इन्हें फूड सप्लाई और साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर बनाया गया था।