Sunday, April 20, 2025

बब्बर शेरों के क्षेत्र में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, आंबरडी सफारी पार्क का किया दौरा

अमरेली मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अमरेली जिले के आंबरडी सफारी पार्क का निरीक्षण दौरा कर एशियाई बब्बर शेरों के स्वच्छंद वन विचरण को देखने का रोमांच महसूस किया। मुख्यमंत्री 272 करोड़ रुपए के 77 विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास के लिए शुक्रवार को अमरेली जिले के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री इस दौरे के अंतर्गत दोपहर बाद आंबरडी सफारी पार्क पहुंचे।

उल्लेखनीय है कि आंबरडी सफारी पार्क का निर्माण वन विभाग ने पूर्वी गिर के विशिष्ट उबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाके में 365 हेक्टेयर क्षेत्र में किया है। सासण गिर क्षेत्र के देवळिया सफारी पार्क के अलावा आंबरडी सफारी पार्क भी शेर दर्शन के लिए आने वाले देश-विदेश के सैलानियों के लिए एक महत्वपूर्ण सिंह (शेर) दर्शन केंद्र है। इंटरप्रिटेशन जोन के रूप में पहचाना जाने वाला यह सफारी पार्क एशियाई शेरों के अलावा लकड़बग्घा, चीतल, चिंकारा और कृष्णमृग जैसे विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणियों के लिए भी वन विचरण का आकर्षण केंद्र है।

विभिन्न पक्षियों का भी बसेरा
इसके अलावा, इस सफारी पार्क में श्वेत नेत्र, राजालाल (ऑरेंज मिनिवेट), बुलबुल, लटोरा (सनबर्ड), शकरखोरा और तीतर जैसे विभिन्न पक्षियों और गिद्ध, चील और बाज जैसे शिकारी पक्षी आकाश में उन्मुक्त उड़ान भरते दिखाई देते हैं। इसके साथ ही, इगुआना, अजगर, गिरगिट और अन्य सरीसृप इस क्षेत्र को वास्तव में जैव विविधतापूर्ण बनाते हैं।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आंबरडी के इंटरप्रिटेशन सेंटर के दौरे के दौरान गिर में शेर के उद्भव से लेकर वर्तमान में उसके विस्तार तक की गाथा की डिजिटल प्रस्तुति को देखा। इतना ही नहीं, उन्होंने सांभर ब्रीडिंग सेंटर और वन्य जीवों के लिए बने रेस्क्यू एंड रीहैबिलिटेशन सेंटर की गतिविधियों की भी जानकारी ली। बाद में मुख्यमंत्री ने आंबरडी सफारी पार्क में आने वाले पर्यटकों के रूट पर प्राकृतिक वैभव के साथ एशियाई शेर के वन विचरण को देखने का रोमांचक अनुभव भी लिया। राज्य सरकार के वन विभाग द्वारा वर्ष 2017 से आंबरडी सफारी पार्क पर्यटकों के लिए खोला गया है। इस पार्क में फूड कोर्ट, विभिन्न सेल्फी पॉइंट, वेटिंग लॉन्ज और विशाल पार्किंग जैसी पर्यटन विकास सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। आंबरडी सफारी पार्क के इस दौरे में मुख्यमंत्री के साथ उप वन संरक्षकराजदीपसिंह झाला सहित कई वन अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होंने आवश्यक जानकारी प्रदान की।

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