देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए व्यापक स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन और समृद्धि का आधार है, इसलिए जल संचय और जलधाराओं के पुनर्जीवन की दिशा में निरंतर प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सिंचाई, लघु सिंचाई और ग्रामीण निर्माण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्हाेंने सिंचाई, लघु सिंचाई विभाग और नगर निगमों को शहरी क्षेत्र में वर्षा जल संचय के लिए मिलकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने ग्राउंड वाटर रिचार्ज पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताते हुए कार्यों के लिए पुरानी पंरपराओं को छोड़कर नवाचार पर विशेष ध्यान देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई की नहरों का अधिकतम फायदा लोगों को मिले यह सुनिश्चित किया जाए। साथ ही राज्य के विभिन्न शहरों के ड्रेनेज प्लान के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। उन्हाेंने सिंचाई विभाग और खनन विभाग को नदियों और जलाशयों में जमा सिल्ट/गाद की निकासी के लिए बैठक आयोजित कर उचित समाधान निकालने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना को मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना में 3638 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत है, जिसमें से 678 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। सौंग बांध परियोजना पर भी कार्य गतिमान है, जिसका लक्ष्य मार्च 2030 तक पूरा करना है। मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना के तहत 61 सड़कों पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज की समस्याओं के समाधान के लिए तेजी से कार्य किए जाएं और चैक डेम के निर्माण की दिशा में भी कार्य किए जाएं।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव विनय शंकर पांडेय, सीपीपीजीजी के एसीईओ मनोज पंत, उप सचिव अजीत सिंह, प्रदीप मोहन नौटियाल और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।